इस साल 2019 में हम क्या-क्या खाने वाले हैं? जिस तरह लोगों का स्वाद और फ्लेवर विकसित हो रहा है ऐसे में बहुत सी रोचक खाने की चीजें हमारे सामने आने वाली हैं. लोग क्या खाएंगे और किस तरह खाएंगे, इसमें नए रिसर्च भी बदलाव ला रहे हैं.
मुझे उम्मीद है कि इस साल फूड, डाइट और न्यूट्रिशन के ये 10 ट्रेंड्स देखे जाएंगे.
न्यूट्रिशन ट्रेंड्स
इस साल ये न्यूट्रिशन ट्रेंड्स देखे जा सकते हैं:
सही स्नैक्स (नाश्ता या हल्का भोजन)
हम कैसा नाश्ता करते हैं, ये भी मेकओवर पाने की तरह ही है. वास्तव में हम कैलोरी लेने की मात्रा और हेल्थ को लेकर गड़बड़ करते हैं. ऐसा सबसे अधिक घर पर रहने के दौरान बिना सोचे-समझे खाने के कारण होता है. इसलिए ऐसे कई स्नैक्स तैयार किए जा सकते हैं, जिन्हें आसानी से खाया जा सकता है और ये हेल्दी भी होते हैं.
आप इसे आजमा सकते हैं:
साबुत अनाज के क्रैकर्स, बिना प्रिजर्वेटिव वाले स्प्रेड्स (सॉस, जैम, मक्खन), नाइट्रेट-फ्री सलामी और दूसरे कटे मीट. कटे हुए फल और सब्जियां और हर्ब्स वाले मेवे.
मिसो न्यूट्रिएंट्स
मैक्रो (बड़ा) और माइक्रो (छोटा) के बाद अब नए साल में मीसो (फूड या फ्रूट्स के भीतर का सबसे छोटा हिस्सा) वास्तव में बड़ा होने जा रहा है. इसलिए हम हल्दी से करकमिन (हल्दी का एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी एजिंग गुणकारी तत्व) की तरफ बढ़ने का बड़ा बदलाव देखेंगे.
आप इसे आजमा सकते हैं:
ग्रीन टी में पाया जाने वाला EGCG(epigallocatechin gallate) सत्व, यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट गुण वाले तत्व के रूप में साबित हो चुका है. केसर में पाया जाने वाला सैफरोनल. यह स्पष्ट रूप से अवसाद रोधी, भूख और कामेच्छा बढ़ाने में फायदेमंद है.
ब्रेन हेल्थ
नेचुरल कॉग्निटिव सप्लिमेंट्स को तरजीह मिलेगी, धुंधली और खराब याददाश्त, चिंता, ध्यान केंद्रित नहीं होने और यहां तक की डिप्रेशन जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए फूड और सप्लिमेंट्स का प्रयोग किया जाएगा. जिन न्यूट्रिएंट्स पर नजर रहेगी, उनमें विटामिन बी6, बी12, सीडीपी-कोलीन, मैग्निशियम, 5एचटीपी, एल थीनीन शामिल हैं. यह नेचुरल नूटरोपिक्स दिमाग में बदलाव लाने वाली दवाओं को लेकर स्टिग्मा और उनके नशे वाली प्रवृति को दूर करेंगे.
आप इसे आजमा सकते हैं:
बाकोपा मोनीएरी, एक आयुर्वेदिक जड़ीबूटी है. वहीं रोडिओला रोसिया एक एडॉप्टोजेनिक हर्ब है.
डाइट ट्रेंड्स
2019 में इन डाइट ट्रेंड्स का रहेगा दबदबाः
रुक-रुक कर उपवास
जिनके बारे में बताया गया है लेकिन डाइट की दुनिया में यह दुर्लभ हो जो समय की कसौटी पर खरा (यहां तक की प्राचीन आयुर्वेद भी इसकी प्रशंसा करता है ) उतरा है. अभी भी अधिकतर विशेषज्ञ इसका गुणगान करते हैं और इसके कारगर साबित होने पर सहमत हैं. इसलिए मुझे पूरा विश्वास है कि रुक-रुक कर उपवास 2019 में (और बाद में भी) मजबूत बना रहेगा.
हफ्ते में 3-5 दिन रातभर 14-16 घंटे उपवास और बाकी के बचे आठ से दस घंटों में सब कुछ खाना, इसे करने का सबसे लोकप्रिय तरीका है.
आप इसे आजमा सकते हैं:
अब सलाह ये है कि अपनी डाइट में कुछ अधिक वसा और मध्यम चेन फैटी एसिड (नारियल का तेल या घी) को शामिल करें. ये न खाने की अवधि के दौरान भूख को भगाने के लिए है.
प्लांट आधारित कीटो
कीटो डाइट लोगों की पसंद में भले ही टॉप पर हो, लेकिन अब टाइम थोड़ा सा बदल रहा है. लोग प्लांट बेस्ड डाइट की तरफ मुड़ रहे हैं. ज्यादातर लोग अपने खाने में मीट को कम कर रहे हैं. लोगों को यह चिंता है कि मीट से कैंसर हो सकता है. अधिक प्रोटीन नुकसानदायक हो सकता है. इससे पर्यावरण को अधिक नुकसान हो सकता है. यह भी खबर है कि अधिकतर हम जो मीट खाते हैं, उसमें एंटीबायोटिक प्रतिरोधक बैक्टीरिया मौजूद हैं.
वास्तव में इनोवेटिव मीट प्रोडक्ट न सिर्फ वेगन की डिमांड में है बल्कि सभी लोग अपनी डाइट से मीट कम कर रहे हैं. यहां तक कि कीटो डाइट को फॉलो करने वाले लोग भी इसमें शामिल हैं.
आप इसे आजमा सकते हैं:
अपने मेन्यू में प्लांट आधारित कीटो डाइट पर ध्यान केंद्रित करें. जो अधिक प्रोटीन, अधिक वसा वाला हो. डाइट में जानवरों से जुड़े प्रोडक्ट को कम करें.
फ्लेक्सिटेरियन डाइट
फ्लेक्सिटेरियन दो शब्दों फ्लेक्सिबल और वेजिटेरियन से मिलकर कर बना है. मैं भी इनमें से एक हूं और मुझे खुशी है कि अधिक से अधिक लोग इसके बारे में जानना चाह रहे हैं. इसमें आप पूरी तरह से मीट खाना बंद नहीं करते हैं, लेकिन आप अधिक वेज खाना ही खाते हैं. कुछ समय के अंतराल के बाद (जब खाने का बहुत मन करे) थोड़ा मीट या अंडा खा सकते हैं. इस तरह से आप वेजिटेरियन होने के फायदों का स्वास्थ्य लाभ उठा सकते हैं. साथ ही यह भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी डाइट में कुछ आवश्यक हाई क्वालिटी प्रोटीन और कुछ मीट से जुड़े पोषक तत्व शामिल हों.
आप इसे आजमा सकते हैं:
अपनी प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने के लिए खाने में अधिक फलिया, सोया और अंकुरित अनाज शामिल करिए.
फूड ट्रेंड्स
नए साल के फूड ट्रेंड्स, जिन्हें आप मिस नहीं कर सकतेः
चॉकलेट की वापसी
कॉफी और कोको दोनों ही पहले से ही एंटीऑक्सिडेंट्स पॉलीफेनोल्स से भरपूर माने जाते हैं. यह इंफ्लेमेशन को कम करने और वजन बढ़ाने के कारक होते हैं. लेकिन ये शरीर की कोशिकाओं में दूसरे पोषक तत्वों को अधिक कुशलता से ले जाने में मदद करते हैं.
आप इसे आजमा सकते हैं:
हाई क्वालिटी कॉफी और चॉकलेट वाले पावर न्यूट्रिएंट ड्रिंक्स.
नॉन-डेयरी मिल्क
नॉन डेयरी मिल्क की मांग बनी रहेगी और यह 2019 में मेनस्ट्रीम में अधिक रहेगा. प्लांट एंड नट बेस्ड डेरी – मूंगफली प्रोटीन मिल्क, बादाम का दूध, नारियल का दूध, काजू का दूध, चावल का दूध, हेम्प मिल्क और सोया मिल्क लोकप्रिय बने रहेंगे.
आप इसे आजमा सकते हैं:
बिना मीठा और कैल्शियम व विटामिन डी के साथ फोर्टिफाइड ओट्स मिल्क भी उपलब्ध है, जिसे पी सकते हैं.
सीबीडी फूड्स
भांग या गांजा के बीज और तेल कुछ समय के लिए थे लेकिन अब दुनियाभर में गांजा से बने सीबीडी (जो मारिजुआना से अलग है क्योंकि इसमें साइकोएक्टिव विशेषताएं नहीं हैं) के कई फूड प्रोडक्ट्स आ रहे हैं. ये चिंता, अपच और अनिद्रा को दूर करने में फायदेमंद हैं. अगले कुछ सालों में ये भारत में भी दिखाई दे सकते हैं.
आप इसे आजमा सकते हैं:
सीबीडी वाली कॉफी
हेल्दी ड्रिंक्स
सही हाइड्रेशन महत्वपूर्ण बना रहेगा. लोग इसे हेल्दी ड्रिंक्स के अन्य विकल्पों की तरफ लेकर जाएंगे. जबकि कुछ समय से नारियल पानी लोगों की पहली पसंद बना हुआ है, लेकिन आने वाले समय में इस क्षेत्र में भी कंपीटिशन देखने को मिलेगा.
आप इसे आजमा सकते हैं:
मैपल वाटर, इसमें नारियल पानी की तुलना में शुगर आधा होता है. कैक्टस वाटर, त्वचा के पुनरुद्धार (revitalization) के लिए बहुत बेहतर माना जाता है.
(कविता दिल्ली में रहने वाली एक न्यूट्रिशनिस्ट, वेट मैनेजमेंट कंसल्टेंट और हेल्थ राइटर हैं. इन्होंने दो किताबें Don’t Diet! 50 Habits of Thin People (Jaico) और Ultimate Grandmother Hacks: 50 Kickass Traditional Habits for a Fitter You (Rupa) लिखी हैं.)
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