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WHO ने चेताया, कोरोना से बचाव के लिए न करें HCQ का इस्तेमाल

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस डिजीज (COVID-19) से बचाव के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन(HCQ) का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है.

WHO की ओर से एक ट्वीट में कहा गया, "WHO के लेटेस्ट क्लीनिकल केयर गाइडेंस के मुताबिक जिन लोगों को COVID-19 नहीं हुआ है, उन्हें संक्रमण से बचाने के लिए एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए."

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WHO की ओर से ये सिफारिश 6 रैंडमाइज्ड कंट्रोल्ड ट्रायल्स पर आधारित है, जिसमें 6 हजार से ज्यादा पार्टिसिपेंट्स शामिल हुए थे.

“इंटरनेशनल गाइडलाइन डेवलपमेंट पैनल का मानना है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन अब शोध के लिए प्राथमिकता में नहीं है और कोरोना की रोकथाम के लिए दूसरी दवाओं के मूल्यांकन के लिए संसाधनों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.”
विश्व स्वास्थ्य संगठन

28 मार्च को, FDA ने COVID-19 के इलाज के लिए क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल को लेकर ऑथोराइजेशन जारी किया था. 24 अप्रैल को, हालांकि, FDA ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से कार्डियक डेथ के खतरे से आगाह करते हुए चेतावनी जारी की थी.

25 मई को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने ट्रायल पर रोक लगा दी थी. WHO की ओर से लैंसेट जर्नल में कोरोना मरीजों पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और क्लोरोक्वीन के असर को लेकर पब्लिश की गई ऑब्जरवेशनल स्टडी का हवाला दिया गया था. इस स्टडी के मुताबिक ये दवा लेने वाले COVID-19 के मरीजों की मौत की आशंका ज्यादा रही.

रोक के बाद ICMR ने WHO के आकलन से असहमति जताते हुए जवाब दिया था और भारतीय व अंतरराष्ट्रीय परीक्षणों के बीच खुराक के मानकों में अंतर का हवाला दिया था. भारत में इसका प्रोफिलेक्टिक इस्तेमाल जारी रहा.

5 जून को द लैंसेट ने भी अपनी उस स्टडी को वापस ले लिया था.

जुलाई में, द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एक नई स्टडी ने उन निष्कर्षों का समर्थन किया कि HCQ से माइल्ड से मॉडरेट COVID-19 मरीजों की स्थिति में सुधार नहीं दिखा.

पीयर रिव्यूड जर्नल द बीएमजे में प्रकाशित एक अन्य स्टडी में पता चला कि कोविड के इलाज में HCQ का प्रभाव स्टैंडर्ड केयर की तुलना में बहुत कम था.

विशेषज्ञ इसकी सलाह क्यों नहीं देते?

कोविड का मुकाबला करने या रोकने के गुणों की कमी की ओर इशारा करती हुई स्टडी के अलावा, इस दवा से जुड़े कई दुष्प्रभाव और गंभीर जोखिम इसे एक अच्छा विकल्प नहीं बनाते हैं.

इसके अलावा, अस्पष्ट सबूत कोविड इलाज के लिए HCQ दवा को फिर से आवंटित करने के लिए पर्याप्त नहीं है, वो भी तब, जब ये ल्यूपस और अर्थराइटिस जैसी अन्य स्थितियों से पीड़ित लोगों के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. कोविड का 'वंडर ड्रग' माने जाने के बाद, जरूरतमंदों ने इसकी कमी का सामना करना शुरू कर दिया था.

इसके अलावा, HCQ पर निर्भर करना जो कि अन्य बीमारियों के लिए एक जीवन-रक्षक दवा है, लेकिन कोविड के मामले में इसकी खास उपोगिता नहीं दिखी, ऐसे में इस पर विचार करने की सलाह नहीं दी जाएगी. हमारे पास अब कई उच्च प्रभावकारिता वाले COVID वैक्सीन मौजूद हैं.

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