डायबिटीज मेटाबॉलिक बीमारियों का एक समूह है, जिसमें व्यक्ति के खून में ग्लूकोज (ब्लड शुगर) का लेवल सामान्य से ज्यादा हो जाता है. ऐसा तब होता है, जब शरीर में इंसुलिन ठीक से न बने या शरीर के सेल्स इंसुलिन के लिए ठीक से रिस्पांड न करें. जिन मरीजों का ब्लड शुगर सामान्य से ज्यादा होता है, वो अक्सर पॉलीयूरिया (बार-बार पेशाब आना) से परेशान रहते हैं. उन्हें प्यास (पॉलीडिप्सिया) और भूख (पॉलिफेजिया) ज्यादा लगती है.
जेपी अस्पताल में एंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ मनोज कुमार के मुताबिक टाइप 1 डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन नहीं बनता. डायबिटीज के तकरीबन 10 फीसदी मामले इसी प्रकार के होते हैं. जबकि टाइप 2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन पैदा करता है, लेकिन इसे अच्छी तरह से उपयोग नहीं कर पाता है. दुनिया भर में डायबिटीज के 90 फीसदी मामले इसी प्रकार के हैं. डायबिटीज का तीसरा प्रकार है गैस्टेशनल डायबिटीज, जो प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को होता है.
“सही एक्सरसाइज, डाइट और शरीर के वजन पर कंट्रोल रखकर डायबिटीज को नियंत्रित रखा जा सकता है. अगर डायबिटीज पर ठीक से कंट्रोल न रखा जाए तो मरीज को दिल, किडनी, आंखें, पैर और नर्व संबंधी कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.”डॉ मनोज कुमार
डायबिटीज के कारण
1.लाइफ स्टाइल : खराब लाइफ स्टाइल, ज्यादा मात्रा में जंक फूड, फिजी पेय पदार्थों का सेवन और खाने-पीने की गलत आदतें डायबिटीज का कारण बन सकती हैं. घंटों तक लगातार बैठे रहने से भी डायबिटीज की आशंका बढ़ती है.
2. सामान्य से ज्यादा वजन, मोटापा और फिजिकल इनएक्टिव : अगर व्यक्ति शारीरिक रूप से ज्यादा एक्टिव न हो या मोटापे का शिकार हो और उसका वजन सामान्य से ज्यादा हो, तो भी डायबिटीज की आशंका बढ़ जाती है. ज्यादा वजन इंसुलिन को बनाने में बाधा पैदा करता है. शरीर में फैट की लोकेशन भी इसे प्रभावित करती है.
पेट पर ज्यादा फैट का जमाव होने से इंसुलिन बनने में बाधा आती है, जिसका परिणाम टाइप 2 डायबिटीज और दिल की बीमारियों के रूप में सामने आ सकता है. ऐसे में व्यक्ति को अपने बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) पर निगरानी बनाए रखते हुए अपने वजन पर कंट्रोल रखना चाहिए.
3. जीन और फैमिली हिस्ट्री : कुछ स्पेशल जीन डायबिटीज की संभावना बढ़ा सकते हैं. जिन लोगों के परिवार में डायबिटीज की हिस्ट्री होती है, उनमें इस रोग की संभावना ज्यादा होती है.
डायबिटीज से ऐसे बचें
1. रेगुलर एक्सरसाइज करें : खराब लाइफस्टाइल डायबिटीज के मुख्य कारणों में से एक है. रोजाना कम से कम 30-45 मिनट एक्सरसाइज डायबिटीज से बचने के लिए जरूरी है.
2. बैलेंस्ड डाइट : सही समय पर सही डाइट जैसे फलों, सब्जियों और अनाज का सेवन बेहद फायदेमंद है. लंबे समय तक खाली पेट न रहें.
3. वजन पर कंट्रोल रखें : सही डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज से वजन पर कंट्रोल रखें. कम वजन और सही डाइट से डायबिटीज के लक्षणों को ठीक कर सकते हैं.
4. भरपूर नींद : रोजाना सात-आठ घंटे की नींद जरूरी है. नींद के दौरान हमारा शरीर टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालकर शरीर में टूट-फूट की मरम्मत करता है. देर रात तक जागने और सुबह देर तक सोने से डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की संभावना बढ़ती है.
5. तनाव से बचें : तनाव आज हर किसी के जीवन का हिस्सा बन गया है. मनोरंजक और सोशल एक्टिविटीज से अपने आप को तनाव से दूर रखने की कोशिश करें. साथ ही तनाव के दौरान सिगरेट का सेवन करने से डायबिटीज की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है.
(इनपुट: IANS)
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