हम नींद से वंचित पीढ़ी के लोग हैं. हमें यह कहने में गर्व होता है कि हम इतने मशरूफ हैं कि सोने के लिए वक्त नहीं मिलता. हम जानते हैं कि रात भर नेटफ्लिक्स की फिल्में-सीरियल देखने और मस्तियों के मैराथन से भी कोई मदद नहीं मिलती है.
हम सभी पूरी नींद नहीं ले पाने के दोषी हैं. पागलपन भरे काम के घंटे, घर से दफ्तर की लंबी दूरी, सोशल मीडिया और अनगिनत काम की मशरूफियत के बीच हम सोने में अपना वक्त क्यों बर्बाद करें. सही है? नहीं. हर सुबह स्नूज बटन को टटोलती उंगुलियां इससेअसहमति जताएंगी.
शायद पांच मिनट और? बस दस मिनट और. प्लीज? इससे मुझे उतना आराम मिल जाएगा जिसकी मुझे जरूरत है.
सबसे पहले, हमें खुद को नींद पूरी करने का यह मंत्र देना बंद करना होगा. एक हालिया रिसर्च के मुताबिक, स्नूज बटन दबाना दिल के लिए काफी नुकसानदायक है. द इंडिपेंडेंट के मुताबिक न्यूरो साइंटिस्ट इसे “कार्डियोवस्कुलर असाल्ट” कहने में भी नहीं हिचकिचाए.
इंडस्ट्रियल हेल्थ जर्नल में 2005 में प्रकाशित शोध में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि जब हम नींद से झटके से जागते हैं, तो शरीर के नर्वस सिस्टम में दर्ज लड़ो या भाग जाओ प्रणाली सक्रिय हो जाती है. इसके चलते ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन बढ़ जाती है.
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में मानव निद्रा विज्ञान के शिक्षक प्रोफेसर मैथ्यू वाकर चेतावनी देते हुए कहते हैं कि किसी को गहरी नींद से झटके से जगाने लिए अचानक अलार्म दिल के लिए खराब है. इसमें थोड़ा सा स्नूजिंग भी शामिल कर लीजिए और देखिये क्या नतीजा होता है! आप अस्वस्थ लोगों की जमात में शामिल हो गए हैं.
अगर आप अलार्म को अपने दिल के लिए खतरनाक नहीं समझते तो स्नूज फीचर का मतलब है कि आप इसका इस्तेमाल करके छोटी सी अवधि में उसी कार्डियोवस्कुलर हमले को बार-बार पैदा कर रहे हैं.डॉ. मैथ्यू वाकर, इंडिपेंडेंट
मानो बीमार दिल ही काफी नहीं था, कि आपने वजन भी बढ़ा लिया
यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिलवेनिया के निद्रा वैज्ञानिक ने डॉ. डेविड डिंजेज के अनुसार स्नूज के कई नकारात्मक प्रभावों में एक वजन बढ़ना भी है. द वीक
हमारी प्रयोगशाला में हुए अध्ययन में, हमने पाया कि नींद पूरी नहीं होने से वजन बढ़ता है. अन्य अध्ययनों में यह पाया गया कि कम नींद और अस्वस्थता से जुड़ी डायबिटीज और हार्ट की बीमारियों के बीच संबंध है.डॉ. डेविड डिंजेज
हालांकि डॉ. डेविड डिंजेज यह भी कहते हैं कि संभव है स्नूजिंग इतना बुरी ना हो. “स्नूजिंग इतनी बड़ी बुराई नहीं है. स्नूजिंग करके हासिल किए अतिरिक्त 10 मिनट वास्तव में झटके से सचेत करने के बजाय दिमाग को नरमी से जागने में मददगार हो सकते हैं.”
स्नूजिंग हमारे शरीर को किस तरह प्रभावित करती है, इस मुद्दे को लेकर निद्रा विशेषज्ञ बंटे हुए हैं. बहुत से इसे कार्डियोवस्कुलर समस्याओं और वजन बढ़ने के साथ ही डायबिटीज और तंत्रिका तंत्र की समस्याओं से जोड़ते हैं. शायद यही वजह है कि सभी निद्रा वैज्ञानिकों का कहना है कि बिस्तर में तय समय से थोड़ा जल्दी चला जाना चाहिए और अलार्म पहली बार बजने पर ही बिस्तर से उठ जाना चाहिए.
हम आपके बार-बार स्नूजिंग के मजे को खराब नहीं करना चाहते, जो कि आखिरकार काफी आरामदायक अनुभव है. हम आखिरकार अपनी जिंदगी का एक तिहाई हिस्सा सोते हुए ही गुजारते हैं. यहां चुनाव लंबी अवधि का फायदा और अल्प अवधि का फायदा के बीच करना है.
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