कोरोनावायरस डिजीज-2019 (COVID-19) को लेकर पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा कि आने वाले रविवार यानी 22 मार्च को घर से बाहर न निकलें क्योंकि इस दिन 'जनता कर्फ्यू' लगाया जाएगा. पीएम ने समझाया कि 'जनता कर्फ्यू' यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू है. ये रविवार की सुबह 7 बजे से लेकर रात 9 बजे तक जारी रहेगा.
दावा
पीएम के इस संबोधन के बाद सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल होने लगा, जिसमें दावा किया है कि 'जनता कर्फ्यू' से भारत COVID-19 से सुरक्षित होगा.
इस वायरल मैसेज में तर्क दिया गया है कि कोरोनावायरस किसी सतह या किसी चीज पर अधिक से अधिक 12 घंटे तक रह सकता है. कर्फ्यू 14 घंटों के लिए है. इसलिए जिन जगहों पर ये वायरस होंगे, उन्हें 14 घंटों के लिए छुआ नहीं जाएगा, जिससे इंफेक्शन की चेन टूट जाएगी और इस तरह भारत इस महामारी से सुरक्षित हो जाएगा.
कुछ ही देर में ये मैसेज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जाने लगा.
कोरोनावायरस कुछ सतहों पर कई दिनों तक रह सकता है
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी बताती है कि COVID-19 महामारी के लिए जिम्मेदार नोवल कोरोनावायरस एरोसॉल और सतहों पर कई घंटों से लेकर कुछ दिनों तक रह सकता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के रिसर्चर्स ने पाया कि कोई वायरस से हवा (संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की स्थिति में) और उन चीजों को छूकर संक्रमित हो सकता है, जिस पर वायरस मौजूद हो.
वैज्ञानिकों ने पाया:
- कॉपर पर नोवल कोरोनावायरस करीब चार घंटों तक रह सकता है
- कार्डबोर्ड पर 24 घंटों तक रह सकता है
- प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर दो से तीन दिनों तक रह सकता है
इस आधार पर ये निष्कर्ष निकाला गया कि SARS-CoV-2 (नोवल कोरोनावायरस) से संक्रमित लोग बीमारी के लक्षणों का अनुभव किए बिना या उससे पहले वायरस फैला सकते हैं.
इसके अलावा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की ओर से ये कहा गया है कि नोवल कोरोनावायरस किसी सतह पर कब तक रह सकता है, इसके बारे में कुछ निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है, लेकिन ऐसा लगता है कि किसी सतह पर ये वायरस भी दूसरे कोरोनावायरस की तरह ही व्यवहार कर सकता है.
स्टडीज के मुताबिक सभी कोरोनावायरस (COVID-19 वायरस पर शुरुआती जानकारी सहित) कुछ घंटों या कई दिनों तक किसी सतह या चीज पर रह सकते हैं.वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन
हालांकि नोवल कोरोनावायरस को लेकर WHO ये साफ कर चुका है कि इसके बारे में कई चीजें अनजान हैं, इसलिए हो सकता है कि आज इसके बारे में हम जो कह रहे हैं, वो नई जानकारी के साथ कल बदल जाए.
WHO की ओर से सलाह दी गई है, "अगर आपको लगता है कि किसी सतह पर वायरस हो सकते हैं, तो उसे साधारण डिसिन्फेक्टेन्ट से साफ कर लीजिए. इससे वायरस मर जाएंगे और दूसरों के साथ आप खुद को भी सुरक्षित रख सकेंगे."
इसलिए मैसेज में किया गया ये दावा कि वायरस 12 घंटे तक ही रह सकता है, वैज्ञानिक तौर पर सही नहीं है.
जिनमें वायरस का पता नहीं चल पाया है, उनसे संक्रमण का खतरा रहेगा
इस मैसेज में इस बात पर गौर नहीं किया गया कि जो लोग पहले से ही नोवल कोरोनावायरस से संक्रमित हैं, लेकिन जिनकी पहचान नहीं हो पाई है, वो कर्फ्यू के बाद फिर सार्वजनिक जगहों पर निकलेंगे.
क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ सुमित रे इस दावे को पूरी तरह से तर्कहीन बताते हैं.
वो कहते हैं,
कोई सतह या चीज फिर से वायरस से इंफेक्ट हो जाएगी, जब कोई संक्रमित शख्स उस पर खांसेगा, छींकेगा या उसे छुएगा. अगर सिर्फ 14 घंटों के कर्फ्यू से इसे फैलने से रोका जा सकता है, तो इटली, स्पेन और दूसरे देशों में कई लॉकडाउन के बाद भी इसे क्यों नहीं रोका जा सका.
इस वायरस से संक्रमित होने और उसके बाद लक्षण सामने आने में 14 दिन लग सकते हैं. इससे संक्रमित लोग अनजाने में ये इसका संक्रमण दूसरों में फैला सकते हैं.
इसीलिए भीड़ में न जाने और क्वॉरन्टीन पर लगातार इतना जोर दिया जा रहा है.
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