अगर घुटने की सर्जरी कराने की सोच रहे हैं तो एक अच्छी खबर है. अब घुटने की रिप्लेसमेंट के लिए हॉस्पिटल आप से ज्यादा पैसे नहीं ऐंठ सकेंगे.
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घुटने की सर्जरी के दाम को लेकर कहा था, “दिल की बीमारी में लगने वाले स्टेंट की कीमत तय करने के बाद सरकार अब घुटने की सर्जरी की कीमत कम करने के उपायों पर काम कर रही है.” पीएम मोदी के बयान के ठीक एक दिन बाद नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ( एनपीपीए) ने घुटने की सर्जरी को लेकर कीमत तय कर दी है.
दवाओं की कीमतों पर नजर रखने वाली एनपीपीए ने बुधवार को घुटने की रिप्लेसमेंट के कीमत को लेकर एक निर्देश जारी किया है. एनपीपीए के मुताबिक, अब कोई भी हॉस्पिटल रोगी से तय कीमत से ज्यादा पैसे नहीं ले सकता है.
इस निर्देश के मुताबिक, प्राइमरी नी रिप्लेसमेंट सिस्टम के लिए 38,740 और रिवीजन नी रिप्लेसमेंट सिस्टम के लिए अधिकतम 62,770 रुपये लगेंगे.
हॉस्पिटल और डिस्ट्रीब्यूटर की मनमानी
अभी हाल ही में एनपीपीए के एक विश्लेषण में सामने आया था कि घुटना रिप्लेसमेंट के कारोबार से जुड़े डिस्ट्रीब्यूटर और हॉस्पिटल 67% से लेकर 449% तक का बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं. इसी तरह घुटना रिप्लेसमेंट की पूरी किट इंपोर्टर को पड़ती है करीब 65 हजार रुपये की, जबकि उसकी एमआरपी 4 लाख रुपये से ज्यादा है .
विश्लेषण के मुताबिक, नी रिप्लेसमेंट के लिए विदेशी उपकरणों की बड़ी रेंज बाजार में हैं और उनकी इंपोर्टेड पराइस और एमआरपी में भारी अंतर है.
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