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शादी के लड्डू अब खा ही लीजिए, वर्ना पछताएंगे आप

नए रिसर्च  के अनुसार शादीशुदा को दिल की बीमारी का कम खतरा

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‘शादी के लड्डू जो खाए, वो पछताए. जो न खाए, वो भी पछताए’ ये कहावत आपने जरूर सुनी होगी, लेकिन जनाब शादी नहीं करके भी आपको पछताना पड़ सकता है.

अमेरिका के एक जर्नल हार्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, शादीशुदा लोगों को दिल के दौरे का खतरा कम होता है. उनके मुकाबले जो लोग कुंवारे हैं या जो तलाकशुदा हैं उनको हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा रहता है.

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इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन्होने कभी शादी नहीं की, तलाकशुदा हैं, या जिनके पति या पत्नी की मृत्यु  हो गई है उनमें से 42 % तक कार्डियो वैस्कुलर से जुड़ी परेशानी होने का खतरा रहता है. उनके मुकाबले जो शादीशुदा हैं. और 16% तक कोरोनरी आर्टरी से जुड़ी परेशानी होने का खतरा रहता है.

स्टडी के मुताबिक तलाकशुदा मर्द और औरत दोनों में 35% तक दिल की बीमारी होने का खतरा अधिक रहता है. वहीं जिनके पति और पत्नी की मौत हो चुकी है, उन्हें 16% तक दिल की बीमारी का खतरा अधिक रहता है.

नए रिसर्च  के अनुसार शादीशुदा को दिल की बीमारी का कम खतरा
जो लोग अविवाहित हैं, उन्हें दिल की बीमारी होने का खतरा 42% तक और स्ट्रोक से मरने का खतरा 55% तक होता है
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जो लोग अविवाहित हैं, उन्हें दिल की बीमारी होने का खतरा 42% तक और स्ट्रोक से मरने का खतरा 55% तक होता है, जो सबसे अधिक है.

मैक्स स्पेशेलिटी के हृदय विशेषज्ञ डॉक्टर विवेक कुमार कहते हैं..

हार्ट की उम्र इंसान की उम्र से अधिक तेजी से बढ़ती है. टेंशन की वजह से हार्ट की बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है. जो लोग अपने पार्टनर को खो देते हैं या जो लोग अकेले रहते हैं उनमें हार्ट की बीमारी ज्यादा होती है.

डॉक्टर विवेक के मुताबिक दिल की बीमारी के लिए सोशल दायरा बहुत मायने रखता है. जो लोग अपने सोशल दायरे में बहुत सक्रिय रहते हैं उनमें दिल की बीमारी का खतरा कम रहता है. जिनका सोशल दायरा कम होता है, उनमें दिल की बीमारी का खतरा अधिक रहता है.

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इस रिपोर्ट पर मैक्स अस्पताल के साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर समीर मल्होत्रा का मानना है-

तन और मन का बहुत गहरा रिश्ता होता है. लाइफ में किसी भी तरह का स्ट्रेस होने से उसके दिल-और दिमाग पर असर पड़ता है.

दिल, तन और मन में रसायनिक रिश्ता है. सेरोटोनिन नाम का एक रसायन होता है, जब हम बहुत टेंशन में होते हैं तो वह रसायन हमारे शरीर में कम हो जाता है. और उसकी वजह से डिप्रेशन एंजाइटी जैसी समस्या शुरू हो जाती है. इस केमिकल के कम होने पर सारा असर हमारे तन-मन दिमाग-दिल पर पड़ता है. आपके अंदर कई तरह की शारीरिक परेशानियां  भी शुरू हो जाती हैं. जैसे शुगर, ब्लड प्रेशर ऊपर-नीचे होना, कई बार हार्ट से संबंधित परेशानियां भी होने का खतरा होती हैं.

इसलिए जनाब अगर सिंगल हैं और शादी नहीं करने का फैसला कर लिया है तो इरादा बदल लीजिए, क्योंकि शादी ना करके पछताना पड़ सकता है.

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