ADVERTISEMENTREMOVE AD

आपकी मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है शिफ्ट में काम करना

शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं की मेंटल हेल्थ पर ज्यादा असर पड़ता है: स्टडी

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

जो लोग नाइट शिफ्ट में काम करते हैं या जिनकी शिफ्ट लगातार जल्दी-जल्दी बदलती रहती है और जो इस कारण पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं, उनमें डिप्रेशन और मेंटल हेल्थ से जुड़ी दूसरी दिक्कतें सुबह 9 से शाम 5 बजे की शिफ्ट में काम करने वालों के मुकाबले ज्यादा होती हैं.

इस स्टडी की लीड ऑथर लुसियाना टोरक्वाटी कहती हैं कि शिफ्ट में काम करने से हमारी नॉर्मल सोने और जगने की साइकिल प्रभावित होती है. इस वजह से लोग मूडी और चिड़चिड़े हो सकते हैं. इसके अलावा ऐसे लोग अपनी शिफ्ट के कारण परिवार और दोस्तों से अलग-थलग हो सकते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
स्टडी में पाया गया कि अलग-अलग शिफ्ट में काम करने वालों में डिप्रेशन का खतरा 33 फीसदी ज्यादा था. 

इसके अलावा उनमें एंग्जाइटी डेवलप होने की भी ज्यादा आशंका पाई गई, हालांकि एंग्जाइटी के मामले में अंतर ज्यादा नहीं देखा गया.

रिसर्चर्स के मुताबिक हमारा दिमाग रात में सोने के लिए और दिन में जगने के लिए प्रोग्राम्ड है. इसमें गड़बड़ी से हमारी सेहत प्रभावित होती है. 

अमेरिकन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं की मेंटल हेल्थ पर ज्यादा असर पड़ता है. हालांकि इस स्टडी में ये साबित नहीं हो सका है कि किस तरह काम की शिफ्ट मेंटल हेल्थ को प्रभावित करती है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×