देशभर में स्वाइन फ्लू यानी एच1एन1 (H1N1) के अब तक 6 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और इसके कारण पांच सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. स्वाइन फ्लू की वजह से सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र और राजस्थान में दर्ज की गई हैं.
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक देश में इस साल 14 अक्टूबर, 2018 तक स्वाइन फ्लू के 6803 मामले सामने आए हैं और इसके कारण 542 मरीजों की मौत हो चुकी है. पिछले साल स्वाइन फ्लू ने 2270 लोगों की जान ली थी.
इस साल राजस्थान (1912) , महाराष्ट्र (1793) और गुजरात (1478) में स्वाइन फ्लू के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. राजस्थान में 191, महाराष्ट्र में 217 और गुजरात में 45 मरीजों की मौत हो चुकी है. इन राज्यों के अलावा राजधानी दिल्ली में 111, कर्नाटक में 456, केरल में 244, तमिलनाडु में 348 मामलों की जानकारी दी गई है.
अपोलो अस्पताल के डॉ सुरनजीत चटर्जी के मुताबिक स्वाइन फ्लू के मामलों में मरीज की मौत तभी होती है, जब वो इलाज के लिए डॉक्टर के पास देरी से पहुंचता है.
ऐसे में जरूरी है कि आपको इससे जुड़ी हर तरह की जानकारी हो, ताकि भूलकर भी कोई लापरवाही न हो सके. जानिए स्वाइन फ्लू के लक्षण और इससे बचाव के उपाय.
क्या हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण?
यहां कुछ लक्षण हैं, जिस पर आपको ध्यान देना चाहिए और बचाव के जरूरी उपाय अपनाने चाहिए.
नाक बहना, छींक, खांसी, गले में तकलीफ, बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, सांस लेने में तकलीफ ये सभी स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं.
किन लोगों को है ज्यादा खतरा?
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक कुछ लोगों को स्वाइन फ्लू का खतरा ज्यादा हो सकता है.
- गर्भवती महिलाएं
- छोटे बच्चे
- बुजुर्ग लोग
- जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो
- जो लोग पहले से बीमार हैं
- जो लंबे समय से कोई दवा ले रहे हैं या जिनका कोई इलाज चल रहा है
लापरवाही न करें, डॉक्टर के पास जाएं
अपोलो अस्पताल के डॉक्टर सुरनजीत चटर्जी के मुताबिक अगर इस बीमारी को शुरुआत में पकड़ लिया जाए, तो इलाज में जल्दी फायदा होता है.
स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. डॉक्टर कहते हैं कि अगर बचाव के उपाय अपनाए जाएं, तो स्वाइन फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है.
संक्रमण को रोकने और बचने के उपाय
स्वाइन फ्लू से संक्रमित शख्स को अपना मुंह ढककर रहना चाहिए, जिससे इस वायरस से दूसरों को संक्रमण न हो जाए.
पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लें.
खुद से कोई दवा न लें.
इसके संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपने हाथ धोते रहें, साफ-सफाई का ध्यान रखें और भीड़भाड़ में अपना मुंह कवर करके निकलें.
साथ ही, अगर आपको ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण का अनुभव हो रहा है, तो लापरवाही न करें, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
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