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Gujarat:राजस्थान से लगी सीटों पर भी कांग्रेस फेल,क्या गहलोत के लिए खतरे की घंटी?

Gujarat Chunav 2022: राजस्थान प्रभावित बनास कांठा, साबर कांठा, पंचमहल, महीसागर और दाहोद जिलों की हर सीट के नतीजे

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बीजेपी ने एक बार फिर न सिर्फ गुजरात फतह (Gujarat Elections 2022) किया है बल्कि रिकॉर्ड जीत के साथ अपने इस गढ़ पर अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है. 2017 के चुनाव में भले ही कांग्रेस ने यहां उसे डेंट देने की कोशिश की थी, लेकिन इस बार कांग्रेस मुकाबले में कहीं नहीं थी. पीएम मोदी और अमित शाह के इस होमटर्फ में जो बीजेपी पांच साल पहले 99 सीटों पर सिमट गई थी, वहां पार्टी ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 150 सीट का आंकड़ा आसानी से पार कर लिया और 156 सीटों पर जीत दर्ज कर लिया.  

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यहां हम आपको बताते हैं कि राजस्थान से लगे गुजरात के जिलों में बीजेपी, कांग्रेस और AAP ने कैसा प्रदर्शन किया है? इस नतीजों का क्या अगले साल राजस्थान में होने जा रहे विधानसभा चुनावों पर कोई असर पड़ेगा?

सबसे पहले आपको बताए कि गुजरात के ऐसे 5 जिले हैं, जो राजस्थान से लगते हैं और उन पर उसका प्रभाव दिखता है- बनास कांठा, साबर कांठा, पंचमहल, महीसागर और दाहोद. इन जिलों में कुल 30 विधानसभा सीटें हैं. इन सीटों पर नतीजे-

  1. थराड सीट- 26,506 वोटों से बीजेपी उम्मीदवार शंकरभाई चौधरी विजेता

  2. पालनपुर सीट- 26,980 वोटों से बीजेपी उम्मीदवार अनिकेत ठाकर विनर

  3. दीसा सीट- 42,647 वोटों से बीजेपी उम्मीदवार प्रवीणकुमार माली विजेता

  4. देवदार सीट- 38,414 वोटों से बीजेपी के केशाजी चौहान विजेता

  5. दांता सीट- 6,327 वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार कांतीभाई खराडी विजेता 

  6. वडगाम सीट- 4,928 वोटों से कांग्रेस के जिग्नेश मेवाणी विजेता

  7. कांकरेज सीट-5,295 वोटों से कांग्रेस के अमृतजी मोतीजी ठाकोर विजेता

  8. वाव सीट- 15,601 वोटों से कांग्रेस के ठाकोर गेनिबेन नागाजी विजेता

  9. धनेरा सीट- 35,696 वोटों से निर्दलीय उम्मीदवार मवजीभाई देसाई विजेता 

  10. ब्याड़ सीट- 5818 वोटों से निर्दलीय उम्मीदवार धवलसिंह नरेंद्रसिंह जाला विजेता

  11. प्रांतीज सीट- 64622 वोटों से बीजेपी उम्मीदवार गजेंद्रसिंह परमार विजेता

  12. बालासिनोर सीट- 51422 वोटों से बीजेपी के मानसिंह चौहान विजेता

  13. लूणावाड़ा सीट- 26620 वोटों से कांग्रेस के गुलाबसिंह चौहान विजेता

  14. संतरामपुर सीट- 15577 वोटों से बीजेपी के डॉ. कुबेरभाई डिंडोर विजेता

  15. शेहरा सीट- 47281 वोटों से बीजेपी के जेठाभाई घेलाभाई विजेता

  16. मोरवा हदफ- 48877 वोटों से बीजेपी के निमिशाबेन मनहरसिंह जीते 

  17. गोधरा सीट-35198 वोटों से बीजेपी के सीके राउलजी जीते 

  18. कलोल सीट-115679 वोटों से बीजेपी के फतेसिंह चौहान जीते

  19. हलोल सीट- 42705 वोटों से बीजेपी उम्मीदवार जयद्रथसिंहजी परमार जीते

  20. फतेपुरा सीट- बीजेपी के रमेशभाई भूराभाई विजयी

  21. झालोड़ सीट-35222 सीटों से बीजेपी के महेशभाई भूरिया जीते 

  22. लिमखेड़ा सीट-3663 वोटों से बीजेपी के भाभोर सुमनभाई जीते 

  23. दहोड़ सीट-29350 वोटों से बीजेपी के कनैयालाल बच्चूभाई किशोरी जीते

  24. गरबाडा सीट- 27825 वोटों से बीजेपी के भाभोर रमेशभाई जीते

  25. देवगढबरिया सीट-44201 वोटों से बीजेपी के बच्चूभाई मगनभाई जीते

  26. हिम्मतनगर सीट- 8860 वोटों से बीजेपी के विनेन्द्रसिंह जाला जीते

  27. इदर सीट- 39440 वोटों से बीजेपी के रमनलाल वोरा जीते

  28. खेडब्रह्म सीट- कांग्रेस के डॉ तुषार अमरसिंह चौधरी आगे

  29. भिलोड़ा सीट- 28768 वोटों से बीजेपी के पीसी बरंडा जीते

  30. मोडासा- 34788 वोटों से बीजेपी के भीखूसिंहजी परमार जीते

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यानी राजस्थान से प्रभावित इन 30 सीटों से से बीजेपी ने 22 पर जीत हासिल की है, जबकि कांग्रेस के हाथ केवल 6 सीट लगे हैं. इसके अलावा 2 सीट निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने नाम किया है.

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Gujarat Election: गहलोत का मैनेजमेंट फेल, राजस्थान चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए रेड अलर्ट? 

राजस्थान से लगे गुजरात के विधानसभा सीटों पर भी पूरे सूबे की तरह कांग्रेस का खराब प्रदर्शन पार्टी आलाकमान के लिए खतरे की घंटी है. खासकर तब जब पार्टी ने गुजरात चुनाव को मैनेज करने की जिम्मेदारी राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को ही दी थी और अगले साल वहां भी चुनाव हैं.

अगर बनास काठा को छोड़ दें (जहां कांग्रेस ने 9 विधानसभा सीटों में से 4 सीट अपने नाम की हैं) तो पार्टी का प्रदर्शन इन 5 जिलों में कहीं भी संतोषजनक नहीं है. बता दें कि  बनास काठा जिले में ही वडगाम विधानसभा सीट आती है जहां से कांग्रेस के बड़े नेता जिग्नेश मेवाणी आते हैं. जिग्नेश मेवाणी खुद अपनी सीट केवल 4,928 वोटों से जीत पाए हैं.

ध्यान रहे कि राजस्थान में सीएम गहलोत के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी बन गए सचिन पायलट को हिमाचल का ऑब्जर्वर बनाया था जहां पार्टी ने शानदार जीत हासिल कर सत्ता में वापसी की है.

अब तो खुद पार्टी के नेताओं ने गहलोत के मैनेजमेंट स्किल पर चुटकी लेनी शुरू कर दी है. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इशारों इशारों में गहलोत पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि “युवा नेता सचिन पायलट हिमाचल के ऑब्जर्बर थे और हमारे अनुभवी नेता अशोक गहलोत जी गुजरात के, आगे मुझे कुछ नहीं कहना.”

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