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बिहार : मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह भवन को तोड़ने का काम शुरू

बिहार : मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह भवन को तोड़ने का काम शुरू

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मुजफ्फरपुर, 13 दिसंबर (आईएएनएस)| बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका आश्रयगृह भवन को तोड़ने की कार्रवाई गुरुवार से शुरू हो गई। इमारत योजना के मानकों की अवहेलना कर बने इस भवन से सारे सामान बुधवार को ही प्रशासन ने निकलवा लिया था। पुलिस के अनुसार, मुजफ्फरपुर के साहू रोड स्थित बालिका आश्रय गृह भवन को तोड़ने का कार्य नगर आयुक्त संजय दूबे की ओर से गठित पांच सदस्यीय अभियंताओं की टीम द्वारा किया जा रहा है।

नगर आयुक्त ने गुरुवार को बताया कि प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी की देखरेख में पहले ऊपरी मंजिल को तोड़ने का काम शुरू हुआ है। इसकी वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी कराई जा रही है।

बिहार सरकार ने अवैध रूप से बने इस भवन को तोड़ने का आदेश दिया था। मालूम हो कि इसी भवन में चल रहे बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था।

सर्वोच्च न्यायालय ने इस चार मंजिला भवन को गिराने में किसी प्रकार की दखल से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत के आदेश के आश्रय गृह का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बिहार की जेल से पटियाला जेल भेज दिया गया है।

एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के बाद इस बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म होने के मामले का भंडाफोड़ हुआ था। मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है। इस घटना के बाद बिहार की सियासत गर्म हो गई। इस मामले में नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को न केवल अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा, बल्कि वह इन दिनों आर्म्स एक्ट में जेल में भी बंद हैं।

मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर 'प्रात:कमल' नाम से दैनिक अखबार निकालता था, जिसमें नीतीश कुमार सरकार के बड़े-बड़े विज्ञापन छपा करते थे। सरकार विज्ञापनों से ब्रजेश की करोड़ों रुपये की अतिरिक्त आमदनी होती रही है।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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