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छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा की सांप्रदायिक नीतियों को ठुकराया : माकपा

छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा की सांप्रदायिक नीतियों को ठुकराया : माकपा

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रायपुर, 11 दिसंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ में भाजपा को निर्णायक रूप से शिकस्त देने के लिए आम जनता को मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बधाई दी है। इसे भाजपा की सांप्रदायिक और जनविरोधी आर्थिक नीतियों के खिलाफ जनादेश बताया है। पार्टी ने रेखांकित किया है कि भाजपा विरोधी वोटों के विभाजन के जरिए सत्ता में बने रहने की भाजपा की चाल को आम जनता ने ठुकरा दिया है और निर्णायक रूप से एक धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन के पक्ष में निर्णय दिया है, जो संविधान, लोकतंत्र, जनतांत्रिक व मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम करे।

माकपा राज्य सचिव मंडल ने एक बयान में कहा कि इन चुनाव नतीजों से स्पष्ट है कि आम जनता ने प्रदेश के कथित विकास के तमाम दावों को ठुकरा दिया है। हकीकत तो यही है कि भाजपा की जनविरोधी नीतियों के कारण किसानों, मजदूरों और कर्मचारियों के हर तबके के जीवन स्तर में गिरावट आई है और प्रदेश में आर्थिक असमानता बढ़ी है। जब भी इन तबकों ने अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन किया है, उन्हें गैर-लोकतांत्रिक तरीके से बर्बरतापूर्वक कुचला गया है। चुनावों में आम जनता ने इसका माकूल जवाब दिया है।

माकपा के सचिव संजय पराते ने कहा कि यह जनादेश भाजपा की उन कारपोरेट परस्त नीतियों के खिलाफ भी है, जो जल, जंगल, जमीन, खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों को आम जनता के हाथों से छीनकर कारपोरेट तबकों को सौंप रही है। इस मुहिम में वह आदिवासियों व दलितों के लिए बने पेसा, 5वीं अनुसूची व वनाधिकार कानून जैसे संवैधानिक प्रावधानों का भी हिकारत के साथ उल्लंघन कर रही थी। इस कारण इन तबकों का जमीन के साथ अलगाव बढ़ा है। सरकारी संरक्षण में चलाए गए सलवा जुडूम अभियान ने बस्तर की गरीब जनता, विशेषकर आदिवासियों के मानवाधिकारों को कुचला है।

माकपा ने कहा है कि पार्टी ने आम जनता से सांप्रदायिक और जनविरोधी भाजपा की हार सुनिश्चित करने तथा एक धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन का आह्वान किया था। पार्टी को खुशी है कि आम जनता ने इस आह्वान का सकारात्मक प्रत्युत्तर दिया है।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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