इसी मसले पर आयोग ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
नोटिस जारी करते हुए आयोग ने पाया है कि हर इंसान को स्वच्छ हवा में सांस लेने और प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का मूल मानव अधिकार है। जहरीली हवा में सांस लेना और प्रदूषित वातावरण में रहना लोगों के जीवन के अधिकार और स्वास्थ्य के अधिकार के लिए एक गंभीर खतरा है।
आयोग ने यह भी पाया है कि दिल्ली राज्य में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित और कम करके आम आदमी की पीड़ा को कम करने के लिए सभी उचित कदम उठाने के लिए बाध्य है, जो अभी तक नहीं किया गया है।
आयोग के अनुसार, कथित तौर पर, कचरा साफ करने की वर्तमान गति को देखते हुए, आने वाले वर्षों में स्थानीय आबादी को गंभीर स्वास्थ्य खतरों का सामना करना पड़ेगा। गर्म हवाएं आग को बढ़ा देंगी और प्रदूषित हवा आसपास के क्षेत्रों में फैल जाएगी, जिससे सांस लेने में समस्या हो सकती है।
--आईएएनएस
एमएसके/एएनएम
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