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देश में 22,000 ग्रामीण कृषि बाजारों को जोड़ने का प्रयास

देश में 22,000 ग्रामीण कृषि बाजारों को जोड़ने का प्रयास

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नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)| भारत सरकार वर्ष 2020 तक एक राष्ट्रीय कृषि बाजार विकसित करने के लिए 22,000 ग्रामीण कृषि बाजारों को जोड़ने का प्रयास कर रही है।

एग्रीकल्चर ग्रोथ समिट 2018 में कृषि क्षेत्र की चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करते हुए कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत अब बदल रहा है। हम अनाज संकट वाले देश से अनाज निर्यातक देश के तौर पर उभर रहे हैं। कृषि में उत्पादन केंद्रित लक्ष्य से लाभ अर्जन क्षेत्र की ओर रुख करते हुए हम बदलाव में एक प्रतिमान बन रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रसंस्करण क्षमताओं में कृषि को शामिल करना और वैश्विक खाद्य बाजार में खुद की मुकम्मल स्थिति तय करना निहायत जरूरी हो गया है, क्योंकि हम विश्व में शीर्ष 10 कृषि कमोडिटी बाजारों में से एक बन गए हैं। इस उद्देश्य के लिए सभी एमएसएमई और उद्योगों को हमारे साथ जुड़ना चाहिए। उन्हें बाजार केंद्रित खेती पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ हमें 2022 तक अपना सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य हासिल करने में भी मदद करेगा।

एचपीएम केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स के सहयोग से ई3 इंटीग्रेटेड ने एग्रीकल्चर ग्रोथ समिट 2018 का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक कृषि से जुड़े स्टार्ट-अप और 100 उद्योग प्रमुखों ने हिस्सा लिया।

इस सम्मेलन में सरकारी निकायों, नौकरशाहों, कृषि उद्यमियों, स्टार्ट-अप, नवोन्मेषकों, नीति निमार्ताओं, मीडिया तथा अन्य हितधारकों को अपने ज्ञान का साझा करने का एक मंच मिला जहां उन्होंने भविष्य के लिए तैयार आइडिया पर चर्चा की और कृषि क्षेत्र के तीव्र विकास के लिए जरूरी समाधान प्रस्तुत किए।

एग्रीकल्चर ग्रोथ समिट 2018 के भागीदारों ने कृषि क्षेत्र के हितधारकों और प्रमुख नीति निर्धारकों को एकजुट कर उनका नेटवर्क बनाने का एक अवसर मुहैया कराया है। इस सम्मेलन में इस उद्योग की उभरती चुनौतियों की गहरी जानकारी देने के साथ-साथ नए सप्लायर्स और बिजनेस पार्टनर्स के साथ प्रतिनिधियों का संपर्क जोड़ा गया।

इस मौके पर 3ई इंटीग्रेटेड इवेंट्स के संस्थापक और निदेशक तुषार माहेश्वरी ने कहा, भारतीय कृषि सेक्टर को उद्यमिता के विकास की जरूरत है जो इस क्षेत्र की वास्तविक क्षमता उभारने के लिए टेक्नोलॉजी और नवोन्मेषण का इस्तेमाल कर सके। मोबाइल नेटवर्क, ब्रॉडबैंड इंटरनेट, क्लाउड प्लेटफॉर्म, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और ओपन डाटा की बदौलत टेक्नोलॉजी में जबर्दस्त क्रांति आई है और भारतीय कृषि क्षेत्र खासकर देश के दूरदराज के इलाकों में बदलाव लाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। कृषि एवं डेयरी उत्पादन जैसे संबंधित सेक्टर भारतीय श्रमशक्ति की रीढ़ हैं और अनुभवी तथा उभरते उद्यमियों दोनों के लिए नए अवसर सृजित करने की सख्त जरूरत है।

सम्मेलन के कुछ सत्रों में कृषि के लिए टिकाऊ इकोसिस्टम-चुनौतियां एवं संभावनाएं, स्मार्ट खेती : कृषि के बदलते परिदृश्य और खेत से स्टोर तक में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल आदि विषयों को शामिल किया गया था।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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