सियोल, 22 नवंबर (आईएएनएस)| दक्षिण कोरिया में गुरुवार को एक पादरी को अपने विशाल चर्च की आठ महिला अनुयायियों के साथ दुष्कर्म के लिए 15 साल जेल की सजा सुनाई गई है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 75 वर्षीय ली जे रॉक के सियोल स्थित मामिन सेंट्रल चर्च में करीब 130,000 अनुयायी हैं।
उन्होंने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
पीड़िता ने पादरी की दैवीय शक्तियों के बारे में बात की और कहा कि वे जो भी कहते थे, उसके करने के लिए महिलाएं मजबूर महसूस करती थीं, क्योंकि वे भगवान हैं।
ली की चर्च को कुछ मुख्यधारा ईसाई संगठनों द्वारा एक अलग पंथ माना जाता है।
पादरी ने 1982 में 12 अनुयायियों के साथ मामिन सेंट्रल चर्च की स्थापना की थी। अब इसके अनुयायियों की संख्या काफी बढ़ गई है, जिसके कारण इसे विशाल चर्च के रूप में जाना जाता है। इसका एक विशाल मुख्यालय और सभागार है। साथ ही एक वेबसाइट भी है, जिसमें चमत्कारों का वादा किया जाता है।
इस साल की शुरुआत में उसकी तीन महिला अनुयायियों ने आरोप लगाया था कि ली ने उन्हें अपने अपार्टमेंट में बुलाया और जबरन उनका यौन शोषण किया।
कुल आठ महिलाओं ने आपराधिक शिकायतें दर्ज कराई और उसे मई में गिरफ्तार कर लिया।
अदालत ने पाया कि ली ने एक लंबी अवधि में पीड़िताओं के साथ 'दसियों बार' अत्याचार और दुष्कर्म किए।
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