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असहाय पशुओं के लिए फ्री हेल्पलाइन-1962 एम्बुलेंस सुविधा

असहाय पशुओं के लिए फ्री हेल्पलाइन-1962 एम्बुलेंस सुविधा

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नई दिल्ली, 26 मार्च (आईएएनएस)। असहाय पशुओं के लिए भी 108 डायल एम्बुलेंस जैसी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत 201 करोड़ रूपए की लागत से 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट व टोल फ्री हेल्पलाइन-1962 शुरू किया गया है।

वेटरनरी यूनिट पर मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड वैक्सीन पर फैसला लेने से एक साल पहले ही देश के पशुओं का भी टीकाकरण करने का फैसला ले लिया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे पशुओं के लिए भारत सरकार के खर्चे से मोबाइल वेटरनरी यूनिट शुरू करना तथा असहाय पशुओं के लिये भी 108 डायल एम्बुलेंस जैसी सुविधा उपलब्ध कराई। इससे देश के सभी पशुपालक खुश हैं। रुपाला ने कहा कि जिस तरह मानव बीमारी के लिये सबकी जुबां पर एम्बुलेंस की सुविधा के लिये 108 है उसी तरह अब सभी को जानवरों को एम्बुलेंस जैसी सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 1962 कंठस्थ कर लेना चाहिये।

परशोत्तम रुपाला ने कहा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश सरकार ने नेपाल और मध्य प्रदेश बार्डर को सील कर लम्पी रोग पर विजय पायी, ये पूरे विश्व के लिये प्रेरणा का श्रोत है। उन्होंने कहा कि उन्हें चिंता थी कि अगर लम्पी रोग उतर प्रदेश में फैल जायेगा तो उसके परिणाम भयावह होंगे लेकिन योगी सरकार ने कुशलता के साथ इस पर विजय प्राप्त की।

रुपाला ने कहा कि लम्पी रोग की रोकथाम करने वाले कर्मयोगियों का सम्मान भी उतर प्रदेश सरकार के द्वारा होना चाहिए। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत विश्व में दुग्ध उत्पादन में नंबर 1 है, और उतर प्रदेश भारत में नंबर एक पर है।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लगभग 6 करोड़ पशुधन के संरक्षण व संवर्धन की ²ष्टि से भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गईं मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए 6,600 से अधिक गो-आश्रय स्थल स्थापित किए गए हैं। प्रदेश में कुल 12 लाख निराश्रित गोवंश हैं, उनमें से 11 लाख गोवंश के संरक्षण की जिम्मेदारी अकेले उतर प्रदेश सरकार उठा रही है। उन्होंने कहा कि मोबाइल वेटरनरी वैन अब प्रदेश के 5 जोन में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से संचालित होंगी।

--आईएएनएस

जीसीबी/एसकेपी

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