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Inflation: आपूर्ति की कमी के कारण बढ़ रहे मूंगफली के तेल के दाम

मूंगफली का उत्पादन कम है और दूसरी ओर निर्यात बढ़ रहा है। इससे तेल मिलों को मूंगफली की आपूर्ति प्रभावित होती है

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न्यूज
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खाद्य तेल बाजार सुस्त है और कीमतें गिर रही हैं, चाहे वह ताड़ का तेल हो या सोयाबीन का। जीएनएन रिसर्च के मैनेजिंग पार्टनर नीरव देसाई ने कहा कि सिर्फ मूंगफली का तेल ही है, जिसकी कीमतें बढ़ रही हैं।

देसाई के मुताबिक, मूंगफली तेल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है, क्योंकि पेराई के लिए मूंगफली की आपूर्ति कम है। इसका कारण यह है कि मूंगफली के कुल उत्पादन में से लगभग 60 प्रतिशत टेबल नट्स के लिए जाता है, (मूंगफली सीधे उपभोक्ताओं द्वारा खपत होती है), 8 प्रतिशत खेती के लिए बीज के रूप में उपयोग किया जाता है, बाकी 25 से 30 प्रतिशत मूंगफली पेराई के लिए उपलब्ध होती है।

मूंगफली का उत्पादन कम है और दूसरी ओर निर्यात बढ़ रहा है। इससे तेल मिलों को मूंगफली की आपूर्ति प्रभावित होती है
मूंगफली का उत्पादन कम है और दूसरी ओर निर्यात बढ़ रहा है। इससे तेल मिलों को मूंगफली की आपूर्ति प्रभावित होती है
मूंगफली का उत्पादन कम है और दूसरी ओर निर्यात बढ़ रहा है। इससे तेल मिलों को मूंगफली की आपूर्ति प्रभावित होती है
मूंगफली का उत्पादन कम है और दूसरी ओर निर्यात बढ़ रहा है। इससे तेल मिलों को मूंगफली की आपूर्ति प्रभावित होती है

जब मूंगफली का उत्पादन कम होता है, तो यह सीधे पेराई को प्रभावित करता है। इस साल मूंगफली का उत्पादन 2 लाख मीट्रिक टन कम है, इसलिए पेराई कम है, जिसका असर कीमतों में भी दिख रहा है।

मूंगफली का उत्पादन कम है और दूसरी ओर निर्यात बढ़ रहा है। इससे तेल मिलों को मूंगफली की आपूर्ति प्रभावित होती है।

सौराष्ट्र ऑयल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष किशोर विराडिया कहते हैं, जब कम तेल का उत्पादन होता है तो स्वाभाविक है कि कीमत बढ़ेगी।

विराडिया का कहना है कि जिस तरह से मूंगफली तेल की कीमतों में वृद्धि हो रही है, यह अनावश्यक रूप से सरकार का ध्यान आकर्षित करेगा, जो मूंगफली की कीमत को प्रभावित करने वाले कुछ प्रतिबंध लगा सकती है। इससे किसान अन्य खाद्य तेलों के बीजों की ओर रुख कर सकते हैं। उन्होंने हवाला दिया कि कैसे किसान अरंडी और जीरा की ओर बढ़ गए हैं।

उन्हें कहा कि 1970 और 1980 के दशक में गुजरात के किसान दो खाद्य तिलहन -- मूंगफली और तिल की खेती कर रहे थे। तिल के तेल पर जब प्रतिबंध लगाए गए, तो उसका उत्पादन कम हो गया।

वहीं, नीरव देसाई का मानना है कि जब किसानों को किसी विशेष फसल के लिए अच्छी कीमत नहीं मिलती है, तो वे दूसरी फसलों की ओर रुख करने लगते हैं, जहां उन्हें अच्छी कीमत मिल रही होती है। उदाहरण के लिए, पिछले साल किसानों को कपास की अच्छी कीमत मिली थी।

--आईएएनएस

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