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योगी अयोध्या से क्यों लड़ना चाहते हैं चुनाव, बीजेपी को कितना फायदा?

राम मंदिर पर फैसले के बाद CM योगी लगातार अयोध्या जाते रहे हैं.

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यूपी के रण में एक बार फिर अयोध्या केंद्र में हैं. उत्तर विधानसभा चुनाव UP Assembly Election) में इस बार सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi adityanath) को अयोध्या से उम्मीदवार बनाने की चर्चा चल रही है. पिछले कई दिनों से योगी आदित्यनाथ के मथुरा, गोरखपुर और अयोध्या से चुनाव लड़ने की चर्चा लगातार चल रही है, लेकिन माना जा रहा है, कि अयोध्या पर ही मुहर लगेगी.

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2017 में सीएम बनने से पहले योगी आदित्यनाथ लगातार 5 बार गोरखपुर से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं, मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और विधान परिषद के सदस्य बन गए.

श्री राम की शरण में क्यों बीजेपी?

  • योगी के अयोध्या से चुनाव लड़ने से बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे को तो धार मिलेगी ही साथ ही अवध क्षेत्र के 82 सीटों पर भी इसका असर पड़ सकता है. साथ ही पूर्वांचल में भी मदद मिलेगी. यही कमाल पीएम मोदी वाराणसी से चुनाव लड़कर लोकसभा चुनाव में कर चुके हैं. पार्टी के नेताओं का यह मानना है कि 2014 में नरेंद्र मोदी के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने से जो माहौल पूरे उत्तर प्रदेश में बना था, उसी तरह का माहौल योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने से बन सकता है. बीजेपी के लिए अयोध्या का धार्मिक महत्व तो है ही साथ ही वोट के लिहाज से अवध क्षेत्र के तमाम जिले- कुशीनगर, संत कबीरनगर, बहराइच जैसे जिलों पर इसका खासा असर पड़ सकता है.

  • इन जिलों के कई नेता बगावत कर पार्टी छोड़ चुके हैं, ऐसे में पार्टी के लिए इस कमी को पाटने का ये अच्छा मौका हो सकता है. ओबीसी के दिग्गज नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी की जो किरकिरी हुई है और साथ ही राज्य में सरकार के खिलाफ जो माहौल बन रहा है उसका असर कम करने के लिए पार्टी को हिंदुत्व के मुद्दे का ही बड़ा सहारा रहेगा. इस मुद्दे को हवा देने के लिए योगी और अयोध्या का कॉम्बिनेशन अच्छा है.

  • योगी हार्डलाइन हिंदुत्व की राजनीति के लिए जाने जाते हैं, ऐसे में अगर वो चुनाव लड़ना तय करते हैं तो अयोध्या से अच्छी सीट नहीं हो सकती.

राम मंदिर बीजेपी के लिए हर चुनाव में मुद्दा रहा है और इस बार फिर अयोध्या को लेकर पार्टी पुरानी राह पर चलने को तैयार है. अयोध्या की सीट बीजेपी के लिए काफी महत्व रखती है, 2017 के चुनाव में बीजेपी को वहां जीत मिली, लेकिन 2012 में बीजेपी को यहां से हार का सामना करना पड़ा था.
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80 के दशक में राम जन्मभूमि आंदोलन से राजनीति में एंट्री करने वाली बीजेपी के लिए 3 दशक के बाद भी चुनाव का रास्ता मंदिर से ही होकर गुजरता है. हर चुनाव में बीजेपी के मेनिफेस्टो में राम मंदिर अहम मुद्दा रहा है. 2014 के आम चुनाव में राम मंदिर का निर्माण बीजेपी के हम घोषणाओं में से एक था.

अयोध्या अब में राम मंदिर निर्माण चल रहा है और बीजेपी इसे आने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में अपनी बड़ी उपलब्धि की तरह पेश कर रही है.

योगी पहले से कर रहे थे अयोध्या की तैयारी?

अयोध्या से योगी का चुनाव लड़ते हैं तो इसमें अचरज भी नहीं, क्योंकि इसकी सियासी पिच तो शायद काफी पहले से ही तैयार हो रही थी, अगर योगी के अयोध्या के दौरे को देखें तो शायद ही उन्होंने किसी जिले के इतने चक्कर लगाए हों. वो पिछले 5 सालों में करीब 42 बार अयोध्या के दौरे पर जा चुके हैं.

योगी अयोध्या में निजी दिलचस्पी रखते हैं, राम मंदिर पर फैसले के बाद योगी लगातार अयोध्या जाते रहे हैं. यहां तक कि कई योजनाओं की शुरुआत भी योगी ने अयोध्या से ही की है.

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