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स्मृति ने जूते बांटकर अमेठी की जनता का अपमान किया : प्रियंका

स्मृति ने जूते बांटकर अमेठी की जनता का अपमान किया : प्रियंका

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को कहा कि अमेठी लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नीचा दिखाने के लिये यहां लोगों को जूते बांटकर अमेठी का अपमान किया है। स्मृति ने प्रियंका के इस बयान पर पलटवार किया है। प्रियंका ने फुरसतगंज चौराहे पर आयोजित नुक्कड़ सभा में कहा कि स्मृति जनता से झूठ कह रही हैं कि राहुल अमेठी नहीं आते।

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यहां के लोगों को सारी सचाई पता है। जनता यह भी जानती है कि किसके दिल में अमेठी है और किसके दिल में नहीं। चुनाव में बहुत से बाहरी लोग आ गये हैं। उन्होंने कहा, ''स्मृति ईरानी ने लोगों को जूते बांटे, यह कहने के लिये अमेठी के लोगों के पास जूते भी नहीं हैं पहनने के लिये। वह सोच रही हैं कि ऐसे करके वह राहुल जी का अपमान कर रही हैं। वह अमेठी का अपमान कर रही है। अमेठी और रायबरेली की जनता ने कभी किसी से भीख नहीं मांगी।'' प्रियंका ने कहा ''आप इनको सिखाइये कि अमेठी और रायबरेली के लोग अपना सम्मान करते हैं, किसी के सामने भीख नहीं मांगते। भीख मांगना है तो वो लोग खुद आपसे वोटों की भीख मांगें।''

स्मृति ने प्रियंका की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा "ऐसा है कि मैं एक्ट्रेस रह चुकी हूं। प्रियंका जी नाटक ना करें तो बेहतर है।" उन्होंने कहा कि जहां तक अमेठी के लोगों की गरीबी का सवाल है तो उनमें से कई लोग जूते खरीदने तक की स्थिति में नहीं है। प्रियंका में अगर जरा भी लाज और इंसानियत बाकी है तो उन्हें हरिहरपुर जाकर खुद सच्चाई देखनी चाहिए, लेकिन हरिहरपुर जाने के लिए पहले उन्हें अमेठी के लापता सांसद से पूछना होगा कि वह गांव आखिर कहां पर है।

गौरतलब है कि स्मृति ने हाल में अमेठी के गौरीगंज क्षेत्र में एक जनसभा में कहा था कि बरौलिया गांव के प्रधान जब उनसे मिलने के लिये दिल्ली गये थे तो उनके पैरों में ठीक से चप्पल भी नहीं थी। तब मैंने उसकी व्यवस्था करायी थी और गांव के विकास के लिये 16 करोड़ रुपये दिलवाये थे। कांग्रेस महासचिव ने कहा ''अमेठी में फूड पार्क बनने से क्षेत्र के पांच लाख किसानों को फायदा हो सकता था। फूड पार्क रुकवाया क्यों, आप (स्मृति) भला चाहती हैं तो अमेठी में फूड पार्क खोलेंगी या जूते बांटेंगी?'' उन्होंने कहा कि आपने पुश्तों से देखा है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी अमेठी के गांव—गांव में जाते थे, आप अपने बुजुर्गों से पूछिये। उस वक्त ऐसा कोई नहीं था जिससे वह ना मिले हों। वहीं, वाराणसी में क्या स्थिति है?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने ही संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के एक भी गांव में हाल लेने नहीं गये। आपके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गरीबों के गांव में जाने से पहले उनके हाथ-मुंह धुलवाते हैं। प्रियंका ने कहा कि आज छोटे-छोटे तमाम उद्योग बंद हो गये हैं। चौराहे पर मिलने वाला एक भी नौजवान यह नहीं कहता कि इन पांच साल में मुझे रोजगार मिला। इस सरकार के राज में 50 लाख रोजगार घटे हैं। उन्ही लोगों ने घटाये जो हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आये थे।

प्रियंका ने कहा, ''मैं कहना चाहती हूं कि इस चुनाव में कांग्रेस को भारी बहुमत से जिताइये। भाजपा के लोग अमेठी ही नहीं बल्कि पूरे देश के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। आप सभी कार्यकर्ता हर घर जाकर एक-एक व्यक्ति से मिलिये।''

भाषा

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

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