नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)| गृहमंत्री राजनाथ सिह ने बुधवार को कहा कि सरकार कमजोर वर्गो के आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और कोई व्यक्ति या संगठन इसे समाप्त नहीं कर सकता। समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने लोकसभा में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए शिक्षण रिक्तियों पर जारी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सर्कुलर पर चिंता जाहिर की, जिसके बाद राजनाथ ने यह प्रतिक्रिया दी।
राजनाथ ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) दाखिल की है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर इस मामले में विस्तृत जवाब देंगे।
उन्होनें कहा, इन (आरक्षण के) प्रावधानों को कोई नहीं छीन सकता। कोई भी संस्थान इसे देने से मना नहीं कर सकता।
मामले को उठाते हुए समाजवादी पार्टी के सदस्य धर्मेद्र यादव ने कहा कि यूजीसी ने मार्च में एक सर्कुलर जारी किया था। सर्कुलर जारी होने के बाद विश्वविद्यालयों द्वारा फैकेल्टी पोस्ट के लिए जारी विज्ञापनों में आरक्षित वर्गो के लिए रिक्तियों में कमी आई है।
सर्कुलर में कहा गया था कि सभी विश्वविद्यालयों में आरक्षित फैकेल्टी पोस्ट की संख्या की गणना विभाग के लिहाज से की जाएगी, न कि विश्वविद्यालय में कुल खाली पदों के आधार पर।
यूजीसी का आदेश इलाहबाद उच्च न्यायालय द्वारा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में दिए गए फैसले पर आधारित था।
(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)