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रमन सिंह के लोगों ने लालच दे 6 लोगों का नाम वापस कराया था:मंतुराम

रमन सिंह के लोगों ने लालच दे 6 लोगों का नाम वापस कराया था:मंतुराम

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छत्तीसगढ़ के आदिवासी नेता मंतुराम पवार ने आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के करीबी लोगों ने पैसों का लालच और धमकी देकर अंतागढ़ उपचुनाव में छह अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों का भी नाम वापस कराया था। पवार ने गुरूवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भीम सिंह उसेंडी, भोजराज नाग, देवनाथ, महादेव मंडावी, शंकरलाल नेताम और विरेंद्र कुमार से परिचय कराया और कहा कि वर्ष 2014 में अंतागढ़ विधानसभा सीट में हुए उपचुनाव में इन्होंने अपना नामांकन जमा किया था। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के करीबी लोगों ने धमकाकर और पैसों का लालच देकर इन्हें भी नाम वापस लेने में मजबूर किया था। पवार अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी थे और मतदान से पहले उन्होंने अचानक नाम वापस ले लिया था। मंतुराम पवार ने कहा कि उन्हें :पवार को: सात करोड़ रूपए देने और जान से मारने की धमकी दी गई थी। लेकिन पैसा नहीं दिया गया। वहीं अन्य प्रत्याशियों को भी एक एक करोड़ रूपए देने का वादा किया गया तथा धमकी भी दी गई। जबकि उन्हें 40—50 हजार रूपए दे दिया गया। पवार ने बताया कि प्रत्याशियों ने इस मामले को लेकर धमतरी जिले के पुलिस अधीक्षक को शिकायत सौंपा है तथा मामले की जांच की मांग की है। शिकायत में प्रत्याशियों ने उनके साथ मारपीट करने और चुनाव से हटने के लिए पैसों का लालच देने का आरोप लगाया है। मंतुराम पवार के इस आरोप के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्रीचंद सुन्दरानी ने दावा किया कि दंतेवाड़ा उपचुनाव के कारण मंतुराम पवार कांग्रेस की लिखी पटकथा पर अभिनय कर रहे हैं। इस चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी के लिए मंतुराम अप्रासंगिक हो जाएंगे। राज्य में वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान अंतागढ़ विधानसभा सीट में भाजपा के विक्रम उसेंडी विजयी हुए थे।

बाद में वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में वह कांकेर लोकसभा सीट के लिए चुन लिए गए थे। जब अंतागढ़ विधानसभा सीट के लिए उप चुनाव हुआ तब मतदान से पहले कांग्रेस प्रत्याशी मंतुराम पवार ने अपना नाम वापस ले लिया था। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग की जीत हुई थी। वर्ष 2015—16 में अंतागढ़ उपचुनाव को लेकर एक आडियो टेप जारी हुआ था जिसमें इस चुनाव के दौरान कथित रूप से पैसे के लेनदेन का मामला सामने आया था। टेप कथित रूप से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, उनके बेटे अमित जोगी और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता के मध्य हुई बातचीत को लेकर था। इस टेप के सामने आने के बाद उस समय के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अंतागढ़ उप चुनाव के दौरान पैसे के लेनदेन का आरोप लगाया था। हालंकि पूर्व मुख्यमंत्री जोगी और रमन सिंह ने इस मामले में शामिल होने से इंकार किया था। बाद में कांग्रेस ने अमित जोगी को पार्टी से बर्खास्त कर दिया था। जिसके बाद अजीत जोगी ने राज्य में नई राजनीति पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ :जे: का गठन कर लिया था। इधर वर्ष 2015 में मंतूराम पवार भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। राज्य में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए जांच दल का गठन किया है। वहीं इस वर्ष फरवरी माह में सत्ताधारी दल कांग्रेस की प्रवक्ता किरणमयी नायक ने अंतागढ़ उप चुनाव मामले में अजीत जोगी, उनके पुत्र अमित जोगी, पूर्व मंत्री और भाजपा नेता राजेश मूणत, मंतु राम पवार और पुनीत गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस महीने की सात तारीख को मंतुराम पवार ने शपथ पत्र देकर रमन सिंह, अजीत जोगी, अमित जोगी तथा पूर्व मंत्री राजेश मूणत पर अंतागढ़ उपचुनाव में षड़यंत्र करने का गंभीर आरोप लगाया था। इसके बाद मंतुराम को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया। रमन सिंह ने मंतुराम के आरोपों को राजनीतिक षड़यंत्र का हिस्सा बताया है और कहा है कि उनका इस पूरे प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है।

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