सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा कमेटी की शिकायत पर BCCI को फटकार लगाते हुए कहा है कि BCCI भगवान की तरह पेश न आए, नियमों के अनुसार काम करे नहीं तो कोर्ट नियमों के मुताबिक उनसे काम करवाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से इस मुद्दे पर अपनी राय रखने के लिए 6 अक्टूबर तक का समय दिया है.
बीसीसीआई द्वारा लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को अनदेखी करने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया है. लोढ़ा कमेटी ने बुधवार को बीसीसीआई सुधार पर बनी अपनी रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया.
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बीसीसीआई सुधार के लिए कदम नहीं उठा रही है और न ही कमेटी द्वारा प्रस्तावित सुझावों को लागू कर रही है.
लोढ़ा कमेटी ने सोमवार को ही कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट में एक स्थिति रिपोर्ट दायर करेंगे जिसमें बीसीसीआई में सुधारवादी कदमों को लागू करने में आ रही दिक्कतों का जिक्र किए जाएगा.
ये हैं कुछ मुख्य सिफारिशें
- कोई भी व्यक्ति 70 साल की उम्र का हो जाने के बाद बीसीसीआई और स्टेट एसोसिएशन में पदाधिकारी नहीं बन सकता है.
- एक स्टेट एसोसिएशन का बीसीसीआई में केवल एक ही वोट होगा और दूसरे सहयोगी सदस्य के रूप में होंगे.
- पदाधिकारियों के तीन-तीन साल के तीन सेवा कार्यकाल होंगे, जिसमें प्रत्येक दो कार्यकाल के बीच में एक अच्छा अंतराल होगा.
- बीसीसीआई के अध्यक्ष के तीन-तीन साल के दो कार्यकाल होंगे और अगर आवेदन करने वाला शख्स यदि अध्यक्ष पद के लिए चुन लिया जाता है, तो वो अन्य किसी भी पद के लिए आवेदन नहीं कर सकता है.
- कोई भी शख्स एक साथ बीसीसीआई में अधिकारी और राज्य संघ का सदस्य नहीं हो सकता.
- चयन समिति में तीन ऐसे खिलाड़ी होंगे, जो टेस्ट क्रिकेट खेल चुके हों.
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क्या होगा, अगर BCCI में लागू हो गईं लोढ़ा समिति की सिफारिशें...
सुप्रीम कोर्ट ने 2013 IPL स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के मामले के बाद लोढ़ा समिति का गठन किया था.
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