दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को इलेक्शन कमीशन को केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी के सर्टिफिकेट को प्रमाणिक करने के लिए कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 15 अक्टूबर को होगी. स्मृति पर आरोप है कि उन्होंने इलेक्शन कमीशन (EC) को हलफनामे में अपनी शिक्षा से जुड़ी गलत जानकारी दी थी.
अदालत अहमर खान की निजी शिकायत पर सुनवाई कर रही है. खान ने आरोप लगाया है कि स्मृति ईरानी ने अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में निर्वाचन आयोग के समक्ष लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा के लिए जो तीन शपथ पत्र दायर किए हैं, उनमें उनकी योग्यता घटती-बढ़ती रही है.
क्या है विवाद?
- स्मृति पर वर्ष 2004, 2011 और 2014 के चुनावों के शपथ पत्र में अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में फर्जी और गुमराह करने वाली सूचनाएं देने का आरोप है.
- 2004 में दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के दौरान स्मृति ने खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कॉरस्पांडेंस के 1996 बैच का बी.ए. बताया.
- 2014 में अमेठी से लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा तो शपथ पत्र में कहा कि उन्होंने 1994 में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निग से बी.कॉम (पार्ट-1) किया.
- गुजरात से राज्यसभा का चुनाव लड़ने के लिए 11 जुलाई 2011 के शपथ पत्र में उन्होंने कहा कि उनकी सर्वोच्च शैक्षिक योग्यता दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कॉरस्पांडेंस से बी. कॉम. (पार्ट-1) है.
शिकायतकर्ता का दावा है कि इन तीनों में से कोई एक जानकारी तो गलत है.
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