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तमिलनाडु: उग्र रूप ले रहा है जल्लीकट्टू समर्थकों का आंदोलन

पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को जबरदस्ती हटाना शुरू किया तो वह सब राष्ट्रगान गाने लगे.

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तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को लेकर सोमवार को हालात और उग्र हो गए, जब गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने मरीना बीच के पास आइस हाउस पुलिस स्टेशन और उसके आस-पास खड़े वाहनों में आग लगा दी. पुलिस लगातार प्रदर्शनकारियों को तितरबितर करने की कोशिश में जुटी हुई है. इस दौरान दोनों के बीच झड़पें भी जारी है.

पुलिस ने सुबह ही चेन्नई के मरीना बीच से लोगों को जबरन हटाया था. पुलिस ने हालांकि इससे पहले प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की थी लेकिन वो नहीं माने.

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पुलिस ने हटाया तो प्रदर्शनकारियों ने गाया राष्ट्रगान

जल्लीकट्टू का मामला नाटकीय होता जा रहा है. पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को जबरदस्ती हटाना शुरू किया तो वह सब राष्ट्रगान गाने लगे. इसके बाद बाद भी जब पुलिस नहीं मानी तो प्रदर्शनकारियों ने खुदकुशी करने की धमकी तक दे डाली. उनका कहना है कि वह अध्यादेश पर अभी और बात करना चाहते हैं. उनका कहना है कि यह स्थाई समाधान नहीं है.

इस दौरान मरीना बीच भारी तादाद में पुलिस तैनात की गई है. इसके अलावा मरीना बीच की तरफ जाने वाले रास्तों पर बैरिकेटिंग कर दी गई है. किसी को भी बीच की तरफ जाने नहीं दिया जा रहा है.

तमिलनाडु में कई अन्य जगहों पर भी विरोध प्रदर्शन जारी है. जगह जगह से पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों की खबर आ रही है.

मुख्यमंत्री ने की विरोध प्रदर्शन न करने की अपील

तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव ने शनिवार को ही जल्लीकट्टू से जुड़े अध्यादेश पर साइन कर दिए हैं और मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने लोगों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील भी की है.

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जल्लीकट्टू के शुरू होते ही गई दो की जान

जल्लीकट्टू के स्थायी समाधान को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच रविवार को तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में इसका आयोजन किया गया. इस दौरान पुडुकोट्टई में दो लोगों की खेल में भाग लेते हुए और मदुरै में एक शख्स की विरोध प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई. करीब 128 लोग घायल हुए हैं.

विरोध के चलते तमिलनाड़ु के मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम को मदुरै के आलंगनल्लूर में कार्यक्रम का उद्घाटन किए बिना ही लौटना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने स्थायी समाधान की मांग की. उधर तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केविएट दाखिल कर कहा कि कोई अध्यादेश को चुनौती देता है तो पहले सरकार की बात सुनी जाए.

-इनपुट भाषा से

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