योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बनते ही अवैध बूचड़खानों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है जिसका सीधा असर मीट व्यापार पर पड़ रहा है. मीट बेचने वाली दुकानों पर अचानक से माल की शॉर्टेज हो गई है. आलम ये है कि लखनऊ की मशहूर टुंडे-कबाबी दुकान 110 साल में पहली बार बुधवार को बंद रही.
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बिजनेस बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. मटन और भैंसे के मीट की शॉर्टेज हो गई है. अभी हम सिर्फ चिकन बेच रहे हैं.अबू बकर, लखनऊ के टुंडे-कबाबी के मालिक
दुकान पर मिल रहा है सिर्फ ‘चिकन-कबाब’
टुंडे कबाबी के मालिक अबू बकर के मुताबिक मटन और भैंसे के मीट की जबरदस्त कमी हो गई है. जिसकी वजह से उनकी दुकान पर अब सिर्फ चिकन ही बिक रहा है.
हालांकि लखनऊ की इस मशहूर दुकान के मालिक को लगता है कि अवैध बूचड़खानों पर नकेल कसने का सीएम का फैसला बहुत अच्छा है, लेकिन उन्होंने सीएम से अनुरोध किया कि वो लीगल और लाइसेंस वाले बूचड़खानों पर पाबंदी न लगाएं.
गौरतलब है कि इलाहाबाद, मेरठ, अलीगढ़, लखीमपुर खीरी सहित पूरे प्रदेश में बूचड़खानों को बंद कर दिया गया है. अकेले गाजियाबाद में ही 10 बूचड़खानों को अवैध बताकर बंद कर दिया गया है.
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टॉपिक: लखनऊ योगी आदित्यनाथ बूचड़खाना
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