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सबसे कम उम्र की UN शांति दूत बनी मलाला यूसुफजई

मलाला की कहानी दुनिया भर के महिलाओं के लिए मिसाल है. 

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नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई उम्र के बंधन को धता बताते हुए संयुक्त राष्ट्र की अब तक की सबसे कम उम्र की 'शांति दूत' नियुक्त हो गई हैं. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को मलाला (19) को लड़कियों की शिक्षा के लिए शांति दूत नियुक्त किया. उन्होंने मलाला को 'दुनिया में सर्वाधिक लोकप्रिय विद्यार्थी' और शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रतीक करार दिया.

विश्व में शिक्षा का प्रतीक बन चुकीं पाकिस्तानी नागरिक मलाला ने इस नियुक्ति के बाद कहा, “मेरी दूसरी जिंदगी शिक्षा को समर्पित है और मैं इस दिशा में काम करना जारी रखूंगी. यदि हम आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमें लड़कियों को शिक्षित करना पड़ेगा. यदि आप लड़कियों को एक बार शिक्षित कर दें तो आप पूरे समुदाय, पूरे समाज को बदल देंगे.”

यूसुफजई (19) शांति की 13वीं दूत बनी हैं. वह अभिनेता माइकल डगलस, पर्यावरणविद् जेन गुडडाल और जॉर्डन की प्रिंसेज हाया बिंट अल हुसैन के समूह में शुमार हो गई हैं.

मलाला को लड़कियों की शिक्षा के लिए अभियान चलाने की वजह से 2012 में आतंकवादी हमले का शिकार होना पड़ा था. तालिबान ने 2012 में स्वात घाटी में लड़कियों की स्कूली शिक्षा के लिए अभियान चलाने के लिए उस पर हमला किया था. इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थीं और उन्हें इलाज के लिए ब्रिटेन के बर्मिंघन ले जाया गया था. फिलहाल, वह ब्रिटेन में ही रह रही हैं.

मलाला को 2014 में बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ नोबेल शांति पुरस्कार से भी नवाजा गया था.

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