पनामा पेपर्स केस में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. नवाज शरीफ और उनके दोनों बेटों को जांच कमेटी के सामने पेश होने का आदेश दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय बेंच ने ये फैसला सुनाया. दो जज जस्टिस खोसा और जस्टिस गुलजार जेआईटी जांच के पक्ष में नहीं थे, वो नवाज शरीफ को पीएम पद के लिए अयोग्य घोषित करना चाहते थे.
कोर्ट ने एक संयुक्त जांच टीम के गठन का आदेश दिया है जो कतर जाकर जांच करेगी. पिछले साल पनामा पेपर्स में शेल कंपनियों में पैसे लगाने का नवाज शरीफ पर आरोप लगा था. पाकिस्तान की राजनीति में इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दिखी थी. अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद ये तय है कि नवाज शरीफ का राजनीतिक भविष्य को जांच के दौरान और बाद में क्षति पहुंच सकती है.
पनामा पेपर्स लीक से ये जानकारी सामने आई थी कि नवाज शरीफ और उनके बच्चों की कुछ कंपनियां हैं जो विदेश में कारोबार कर रही हैं, और इनका लेनदेन लाखों डॉलर में है.
पार्टी ने किया स्वागत, विपक्ष ने मांगा इस्तीफा
पीएमएल-एन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है तो वहीं विपक्षी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने नवाज शरीफ से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की है. पीटीआई के प्रवक्ता ने कहा कि नवाज के पीएम रहते जेआईटी स्वतत्र जांच नहीं कर सकती.
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