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...तो सीएम खट्टर की साल भर की मेहनत पर पानी फेर देंगे ‘जाट’

दिल्लीवालों के लिए भी कई परेशानियां लेकर आ सकता है हरियाणा का ‘जाट आरक्षण आंदोलन’

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भारत
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हरियाणा में जाट आरक्षण की पुरानी मांग के जोर पकड़ने और आंदोलन के हिंसक होने से हरियाणा सरकार के समक्ष गुडगांव में दो सप्ताह बाद प्रस्तावित निवेशक शिखर सम्मेलन के आयोजन की तैयारियां करना, एक चुनौती बन गया है.

पिछले 2 दिन से आंदोलन में तेजी आई है. ऐसे में निवेशक सम्मेलन को सफल बनाना बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है.

जाट आंदोलन शुरु होने से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, मुंबई और चेन्नई समेत देश के विभिन्न शहरों में निवेशकों के साथ बैठकें कर चुके हैं. राज्य सरकार आगामी ‘हैपनिंग हरियाणा ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट, 2016’ को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. यह सम्मेलन गुडगांव में 7-9 मार्च को प्रस्तावित है.

हालांकि, खट्टर सरकार के लिए जाट आंदोलन गलत समय पर शुरु हुआ है, क्योंकि वह घरेलू तथा वैश्विक निवेशकों को रिझाने के लिए राज्य के पहले निवेशक सम्मेलन तथा नौ मार्च को होने वाले प्रवासी हरियाणा दिवस को सफल बनाने के काम में जुटी थी.

मुख्यमंत्री खट्टर, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पिछले साल अगस्त में अमेरिका तथा कनाडा एवं हाल में जापान तथा चीन की भी यात्रा कर चुके हैं. अब अगर यह समिट नहीं हो पाता है, तो इस पूरी मेहनत पर पानी फिर सकता है.

दिल्लीवालों के लिए भी दिक्कतें तैयार!

  • पड़ोसी राज्य हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन की वजह से परिवहन व्यवस्था बाधित हुई है, जिसका असर दिल्ली में बिक रहीं सब्जियों में शुक्रवार से ही दिखना शुरू हो गया था. ऐसे में अगर यह आंदोलन कुछ दिन और चलता है, तो सब्जियों का थोक बिक्री मूल्य बढ़ने लगेगा.
  • इसके अलावा दिल्ली में दूध की समस्या निश्चित तौर पर होने वाली है. शनिवार शाम भीड़ ने रोहतक की दूध उत्पादक कंपनी वीटा के प्लांट में आग लगा दी. जबकि प्रमुख दूध उत्पादक कंपनी अमूल ने पहले ही अपने रोहतक संयंत्र में परिचालन को बंद कर दिया है, जहां पांच लाख लीटर प्रतिदिन दूध उत्पादन क्षमता है. क्वालिटी लिमिटेड ने भी अपने सिरसा और फतेहाबाद चिलिंग सेन्टर से दूध संग्रहण का काम रोक दिया है.
  • सबसे बड़ी समस्या, जिसका ऐलान भी दिल्ली जल बोर्ड कर चुका है, वह है पानी. हरियाणा से पानी की सप्लाई रोक दी गई है. जाट आंदोलनकारियों ने दो कैनल बंद कर दिए हैं. दिल्ली के पास सप्लाई के लिए अब 60 परसेंट पानी ही बचा है. जल बोर्ड की मानें, तो इसका प्रभाव रविवार सुबह वेस्ट, नॉर्थ-वेस्ट, सेंट्रल और साउथ दिल्ली के कुछ इलाकों में देखा जाएगा.

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