पाकिस्तान अखबार डॉन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने भारत पर चिनाब और नीलम नदियों पर अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए वर्ल्ड बैंक से इन दोनों प्रोजेक्ट्स की फंडिंग रोकने की अपील की है.
सार्क सम्मेलन का भारत समेत 3 और देशों का बायकॉट, पीएम मोदी का पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान को अलग- थलग कर देने की धमकी के बाद पाकिस्तान भी पलटवार करने की कोशिश में है.
वॉशिंगटन में पाकिस्तानी एंबेसी की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, ‘पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई बैठक में वर्ल्ड बैंक ने तटस्थ रहते हुए मुद्दों को सुलझाने का आश्वासन दिया है.
वर्ल्ड बैंक से मांगी मदद
पाकिस्तानी अटर्नी जनरल अशतर आसिफ अली के नेतृत्व में पाकिस्तानी अधिकारियों ने मंगलवार को वाशिंगटन डीसी स्थित वर्ल्ड बैंक के हेडक्वार्टर में वर्ल्ड बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की. पाकिस्तान ने वर्ल्ड बैंक को सिंधु जल समझौता, 1960 के अनुच्छेद 9 का हवाला देकर मदद मांगी है.
पाकिस्तानी अधिकारियों ने वर्ल्ड बैंक से इस मामले को निपटाने के लिए जजों की नियुक्ति करने की अपील भी की है.
पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से भारत के किशन गंगा निर्माण विवाद और झेलम और नीलम नदी पर बन रहे रैटिल हाइड्रोइलेक्टि्रक प्लांट के विवाद को भी सुलझाने की अपील की है.
क्या है पाकिस्तान का आरोप?
पाकिस्तान का कहना है कि भारत नियमों की अनदेखी कर इन नदियों पर हाइड्रो पावर के लिए काम कर रहा है.
भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल समझौता वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता के चलते ही हुआ था. इस समझौते पर 19 सितंबर 1960 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे.
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