चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार को विधानसभा चुनावों से पहले एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करने की मंजूरी दे दी लेकिन साथ ही शर्ते भी लगाई हैं.
आयोग ने कहा कि चुनाव वाले पांच राज्यों से जुड़ी किसी योजना का ऐलान नहीं किया जा सकता और वित्त मंत्री के भाषण में इन प्रदेशों में सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख नहीं होना चाहिए.
चुनाव आयोग ने कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा से कहा,
आयोग निर्देश देता है कि निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों के लिए किसी राज्य-केंद्रित योजना की घोषणा नहीं की जाएगी, जिससे चुनाव वाले पांच राज्यों के मतदाताओं पर असर पड़ने की संभावना हो.
इन राज्यों में हैं चुनाव
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, पंजाब और गोवा में चार फरवरी से आठ मार्च के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं. आयोग ने इन चुनावों को लेकर आचार संहिता जारी कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट में भी हरी झंडी
चुनाव आयोग के मंजूरी देने से पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में भी हरी झंडी मिल गई. कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें ये अपील की गई थी कि बजट को 1 फरवरी को पेश होने से रोका जाए. कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि बजट से चुनावी राज्यों में असर नहीं पड़ने वाला है.
सरकार पहली बार 1 फरवरी को बजट पेश कर इतिहास रचने जा रही है, इससे पहले अभी तक फरवरी की अंतिम तारीख को बजट पेश किया जाता था.
-इनपुट भाषा से
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