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जेएनयू संस्कृति को ‘खतरा’, 400 शिक्षाविदों ने लिखी चिट्ठी 

आखिर क्यों 400 शिक्षाविदों ने जेएनयू संस्कृति को गंभीर खतरे में बताया है ?

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भारत
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क्या जेएनयू की संस्कृति को सच में खतरा है ? हावर्ड, कैंब्रिज, लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स, येल और न्यूयॉर्क जैसी यूनिवर्सिटी समेत कई संस्थानों के 400 से ज्यादा शिक्षाविदों ने जेएनयू के कुलपति को खत लिखा है. इस चिट्ठी में हाल में ही घटनाओं पर चिंता जताई गई है. सभी 400 शिक्षाविदों ने इस चिट्ठी पर हस्ताक्षर भी किया है.

इस खत में लिखा हैः

अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सहयोग का आधार तैयार करने वाली अकादमिक संस्कृति गंभीर खतरे में है. आपके संस्थान में हो रही घटनाओं से हम बेहद चिंतित और स्तब्ध हैं. जिम्मेदार अधिकारियों से अपील करते हैं कि एकेडमी की उत्कृष्टता के लिए दुनियाभर में मशहूर जेएनयू, जिसने बेहतरीन शोधकर्ता, विद्वान औरपेशेवरों की कई पीढ़ियां दी है. अपने भविष्य की रक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाएं.

शिक्षाविदों ने आगे लिखा है कि यह ‘‘स्तब्ध करने वाला'' है कि अकादमिक आजादी और स्वायत्ता के लिए मशहूर यूनिवर्सिटी को अब ‘‘जानबूझकर बर्बाद किया जा रहा है.''

आपको बता दें कि जेएनयू पिछले करीब एक साल से कई वजहों से सुर्खियों में है. पिछले साल फरवरी में जेएनयू के कुछ छात्रों पर ‘‘देश विरोधी'' नारे लगाने के आरोप लगे थे. उन पर ‘‘राजद्रोह'' का मामला दर्ज किया गया था. इस घटना के बाद से विभिन्न मुद्दों को लेकर छात्र संघ और शिक्षक संघ का टकराव जेएनयू प्रशासन से होता रहा है.

हाल ही में दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में एबीवीपी-आईसा के छात्रों के बीच हुई झड़प में भी यूनिवर्सिटी का नाम आया था.

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