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ट्रोल बाबू, रहो खबरदार...अब गूगल है तुम्हारा पहरेदार!

गूगल के नए टूल पर्सपेक्टिव की मदद से मीडिया कंपनियां कमेंट्स सेक्शन में ले सकेंगी ट्रोल की खबर

Published
भारत
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गूगल ने इंटरनेट यूजर्स को ट्रोल से आजादी दिलाने के लिए एक नया सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है. इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर को पर्सपेक्टिव नाम दिया गया है.

मीडिया कंपनियों को फ्री में मिलेगाा ये सॉफ्टवेयर

गूगल के इस नए सॉफ्टवेयर की मदद से मीडिया ऑर्गनाइजेशंस गलत और भद्दे कमेंट को फिल्टर कर सकते हैं. आंकड़ों को देखें, तो 72% अमेरिकी इंटरनेट यूजर ने ट्रोलिंग होते हुए देखी है. इसके साथ ही आधे इंटरनेट यूजर ट्रोल का शिकार हुए हैं.

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कैसे काम करेगा ट्रोल का दुश्मन- पर्सपेक्टिव

गूगल के इस सॉफ्टवेयर की मदद से आप किसी शब्द की अभद्रता की जांच कर सकते हैं. इसके लिए आपको इस सॉफ्टवेयर में शब्दों की एंट्री करनी होगी.

गूगल के मुताबिक, ये सॉफ्टवेयर इंटरनेट यूजर्स की मदद से ही सफल हो सकेगा. बीते काफी समय से कई मीडिया ऑर्गनाइजेशंस ने अपनी वेबसाइटों में कमेंट सेक्शन को बंद कर दिया था, क्योंकि उनके लिए इस सेक्शन में आने वाले भद्दे कमेंट की बड़ी मात्रा को डिलीट करना संभव नहीं है. ऐसे में गूगल का ये सॉफ्टवेयर इन ऑर्गनाइजेशंस की मदद कर सकता है.

गूगल बीते सितंबर से न्यूयॉर्क टाइम्स पर इस टूल की टेस्टिंग कर रहा है और रीडर कमेंट्स सेक्शन में बेहतर माहौल बनाने पर काम हो रहा है.

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