कामकाजी महिलाओं के लिए मैटरनिटी लीव को 26 हफ्ते किए जाने के प्रस्ताव को संसद ने मंजूरी दे दी है. इससे पहले 12 हफ्ते की लीव का प्रावधान था.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मंजूरी के बाद ये बिल कानून बन जाएगा. कानून बनने के बाद 10 या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थानों पर यह कानून लागू होगा.
केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने लोकसभा में विधेयक पेश किए जाने के समय कहा कि गर्भावस्था में महिलाओं की सुरक्षा बेहद गंभीर मसला है.
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मैटरनिटी लीव बिल की खास बातें
- 3 महीने से छोटे बच्चे को गोद लेने वाली महिलाओं और सरोगेसी से पैदा हुए बच्चे की मां को भी 12 हफ्ते की लीव का प्रावधान.
- पहले बच्चे और दूसरे बच्चे के लिए 26 हफ्ते की मैटरनिटी लीव, तीसरे बच्चे और उसके बाद 12 हफ्ते की लीव का प्रावधान.
- महिलाओं को मैटरनिटी लीव खत्म होने पर 'घर से काम' करने की सुविधा मिलेगी.
- 50 या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनियों में क्रेच की सुविधा देना अनिवार्य हो जाएगा.
- महिलाएं काम के बीच अपने बच्चों से मिलने चार बार क्रेच जा सकेंगी.
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