सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना में संशोधन करने का फैसला किया है. इसके तहत चार करोड़ पीएफ खाताधारक घर खरीदने के लिए 90 फीसदी तक की राशि निकाल सकेंगे, जिससे उन्हें घर खरीदने के लिए डाउन पेमेंट जुटाने में मदद मिलेगी.
श्रम और रोजगार राज्यमंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि योजना के अंतर्गत भविष्य निधि (पीएफ) खाते से निकासी की सुविधा केवल उन्हीं पीएफ सदस्यों को उपलब्ध होगी, जो निर्धारित शर्तों को पूरा करेंगे.
बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि सरकार कर्मचारी भविष्य निधि योजना- 1952 में संशोधन कर रही है और इसी योजना में एक नया पैराग्राफ 68 BD जोड़ा जाएगा.
हाउसिंग सोसायटी का सदस्य होना जरूरी
नए नियमों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति कर्मचारी भविष्य निधि खाते से घर या फ्लैट खरीदने के लिए 90 फीसदी रुपया निकालना चाहता है, तो उसे एक कोऑपरेटिव सोसाइटी या हाउसिंग सोसाइटी बनाने की जरूरी है. इस सोसाइटी में कम से कम 10 सदस्य जरूर होने चाहिए.
कोऑपरेटिव या हाउसिंग सोसाइटी का सदस्य होने वाले कर्मचारी अपने पीएफ खाते से 90 फीसदी रकम निकाल सकेंगे.
प्रस्तावित प्रावधान के अनुसार, लोन या ब्याज के मासिक किस्तों का भुगतान सदस्यों की जमा धनराशि से किया जा सकेगा. यह भुगतान किसी आवासीय एजेंसी या संबंधित बैंकों का बकाया हो सकता है.
साल 2015-16 की रिपोर्ट के अनुसार, ईपीएफ खातों की कुल संख्या 17.14 करोड़ है और 3.76 करोड़ कर्मचारियों का अंशदान ईपीएफ खातों में जमा हुआ है.
इस संशोधन से ईपीएफओ के कर्मचारियों को कई फायदे होंगे. एक, घर खरीदने के लिए उन्हें डाउन पेमेंट जुटाने में मदद मिलेगी. दूसरा, ईपीएफ अकाउंट से ही होमलोन की ईएमआई भी चुका सकेंगे.
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