वैसे तो मौसम का पारा चढ़ते ही पानी को लेकर हर तरफ शोर बढ़ जाता है. लेकिन रेलवे ने पानी की किल्लत दूर करने के लिए एक अनोखी मुहिम शुरू की है. इसके बेहतर नतीजे भी सामने आने लगे हैं.
दरअसल, रेलवे ने देशभर में अपनी जमीन पर मौजूद 1500 से ज्यादा जलाशयों में नई जान डालने की तैयारी की है. इस प्लान तहत हैदराबाद सेक्शन के ऐसे 4 कुंओं से हर रोज 4.70 लाख लीटर पानी मिलने लगा है. इससे विभाग को हर महीने 22 लाख रुपये की बचत होगी.
आंकड़ों के मुताबिक, रेलवे की जमीन पर तलैया, बांध, जलाशयों, कुंओं और बावड़ियों के रूप में 1,561 जलाशय हैं. इनमें से कुछ पूरी तरह सूख चुके हैं. कुछ में थोड़ा-बहुत पानी है, लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है.
रेलवे की योजना की खास-खास बातें:
रेल मंत्री सुरेश प्रभु के निर्देश पर विभाग ने तैयार किया प्लान
रेलवे अपने परिसरों और देशभर में पटरियों के नजदीक के जलाशयों को पुनर्जीवन देने पर काम कर रहा है
देशभर के 1500 से ज्यादा जलाशयों में नई जान डालने की तैयारी
सभी मंडल, संभाग, उत्पादन इकाइयों, कार्यशालाओं और आरपीएफ से अपने-अपने इलाकों में जलाशयों को संरक्षित और पुनर्जीवित करने के निर्देश.
पानी की बर्बादी रोकने के लिए नियमित जल लेखा परीक्षण के भी निर्देश
प्लान को अमलीजामा पहनाना रेलवे की जल नीति का हिस्सा
रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा जलाशय सियालदह संभाग में हैं. इसके बाद खड़गपुर, हावड़ा, मुरादाबाद और आगरा का स्थान है.
आपको याद होगा कि रेलवे ने पिछले साल सूखाग्रस्त इलाकों में टैंकरों से पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाई थी. हालांकि इसको लेकर सियासी गलियारों में खूब शोर-शराबा सुनाई पड़ा था.
(इनपुट भाषा से)
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