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कश्मीर: आर्मी जीप पर बंधा युवक सामने आया,‘मैं नहीं हूं पत्थरबाज’

मुझसे कहा गया था कि मैं कुछ भी ना बोलूं, नहीं तो मुझे गोली मार दी जाएगी

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शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें दिखाया गया था कि पत्थरबाजों से बचने के लिए आर्मी ने एक शख्स को अपने जीप के आगे बांध दिया था. इसके बाद आर्मी से लेकर सरकार इस वीडियो की सच्चाई जानने और उस शख्स की खोज में जुट गई थी. लेकिन इस शख्स को इंडियन एक्सप्रेस ने ढूंढ निकाला है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जिस शख्स को आर्मी ने अपने जीप के आगे बांधा था उसका नाम फारुख अहमद डार है. 26 साल का फारुक पेशे से शॉल पर कढ़ाई का काम करता है.

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फारुक ने बताय कि 9 अप्रैल को वह अपने भाई और एक पड़ोसी के साथ एक रिश्तेदार के पास जा रहा था. रास्ते में कुछ औरतें चुनाव का बहिष्कार कर रही थीं. जैसे ही वह वहां रुका तुरंत ही आर्मी ने उसे पकड़ लिया.

इसके बाद उसे जीप से बांधकर आगे बैठा दिया. फारूक का कहना है कि आर्मी वालों ने उसके सीने पर एक सफेद कागज चिपका दिया था. उस पर उसका नाम लिख दिया था. आर्मी ने उसे सुबह 11 बजे पकड़ा और चार घंटे तक जीप के आगे बांध कर लगभग 25 किलोमीटर तक घुमाया.

मैंने कभी भी पत्थर नहीं फेंके, मैं तो शॉल पर कढ़ाई करने का काम करता हूं. हम गरीब लोग हैं, शिकायत क्या करेंगे.

चार बजे के करीब फारुख को आर्मी कैंप में ले जाया गया. वहां उसे चाय पिलाई गई और फिर उसके गांव के सरपंच के हवाले कर दिया गया.

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