जाधव मामले में भारत-पाकिस्तान ने रखा पक्ष
कुलभूषण जाधव के मामले में सोमवार को इंटरनेशनल कोर्ट में भारत और पाकिस्तान के बीच जोरदार बहस हुई. भारत ने जाधव की मौत की सजा फौरन सस्पेंड करने की मांग की, जबकि पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत कोर्ट का इस्तेमाल राजनीतिक मंच के तौर पर कर रहा है.
भारत जाधव के मामले को इंटरनेशनल कोर्ट में ले गया है. भारत ने पाकिस्तान पर वियना समझौता का उल्लंघन करने और सबूतों के बगैर जाधव को फांसी की सजा देने का आरोप लगाया है.
भारत-पाक की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि वो जल्दी ही इस मामले में आदेश जारी करेगा. कोर्ट ने कहा-
बैठक में जिस तारीख को आदेश जारी किया जाएगा, उस बारे में दोनों पक्षों को सूचना दे दी जाएगी.
पाकिस्तान ने किया मानवाधिकारों का उल्लंघन- भारत
भारत-पाकिस्तान को पक्ष रखने के लिए 90-90 मिनट का समय दिया गया. भारत की ओर से वकील हरीश साल्वे ने पक्ष रखा. नौसेना के 46 वर्षीय पूर्व अधिकारी के मामले में आईसीजे के सुनवाई शुरु करने पर भारत ने जोरदार दलीलें पेश की.
फैसले से पहले ही पाक दे सकता हैं फांसी: भारत
भारत ने कुलभूषण जाधव पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए मांग की है कि जाधव की फांसी की सजा तत्काल सस्पेंड की जाए. भारत ने ये आशंका जताई है कि इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले से पहले ही उन्हें फांसी दी जा सकती है.
भारतीय अधिकारी दीपक मित्तल ने बहस की शुरुआत करते हुए इंटरनेशनल कोर्ट से कहा-
जाधव को न तो अपने कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करने का मौका दिया गया और न ही उन्हें काउंसलर एक्सेस मुहैया कराया गया. आशंका है कि इस मामले में आईसीजे का फैसला आने से पहले ही उनकी मौत की सजा पर अमल किया जा सकता है.
भारत की ओर से वकील हरीश साल्वे ने कहा-
- जाधव को पाकिस्तान ने 14 मार्च को गिरफ्तार किया था, भारत को जानकारी 25 मार्च को मिली
- जाधव को ईरान से अगवा किया गया था
- पाकिस्तान मिलिट्री अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई
- जाधव को मौत की सजा कथित कबूलनामे के आधार पर दी गई
- जाधव पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं
- जाधव के माता-पिता ने पाकिस्तान जाने के लिए वीजा आवेदन किया, लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई
- पाकिस्तान ने भारत को इस मामले की चार्जशीट नहीं दी
काउंसलर एक्सेस के लिए 16 बार किया अनुरोध : भारत
- भारत ने 16 बार काउंसलर एक्सेस के लिए पाकिस्तान से गुहार लगाई, लेकिन भारत को काउंसलर एक्सेस नहीं मिली जो मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है.
- ये मानवाधिकार और वियना संधि का सरासर उल्लंघन है, काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए था.
साल्वे ने उन 3 मामलों का जिक्र किया, जिनमें आईसीजे ने हस्तक्षेप किया था. पराग्वे बनाम अमेरिका सहित इन मामलों में अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि अमेरिकी सरकार को पराग्वे के नागरिक को काउंसलर एक्सेस सुनिश्चित करने को लेकर कदम उठाने की जरूरत है. साल्वे ने कहा कि जर्मनी बनाम अमेरिका के मामले में अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि जर्मनी के एक नागरिक को सुनाई गई मौत की सजा ‘न्याय की क्षति’ है
भारत की अपील गैरजरूरी, खारिज की जाए- पाकिस्तान
भारत की दलील के बाद पाकिस्तान ने कोर्ट में कहा कि जाधव पर भारत की अपील गैरजरूरी है. इसे खारिज किया जाना चाहिए. पाकिस्तान विदेश कार्यालय के मोहम्मद फैसल ने कहा कि भारत ने इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट के लिए सही समझा, लेकिन हम नरमी से जवाब नहीं देंगे. वहीं आईसीजे ने पाकिस्तान को जाधव के कथित बयान वाले वीडियो को कोर्ट में दिखाने की इजाजत नहीं दी.
जाधव को फांसी देने के मामले में जल्दबाजी नहीं- पाकिस्तान
पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील खवर कुरैशी ने कहा कि भारत ने इस अदालत को अपनी इस बात से सहमत करना चाहा है कि पाकिस्तान जल्द ही जाधव को फांसी देना चाहता है. उन्होंने कहा कि कमांडर जाधव के पास दया याचिका अधिकार है. इस सिलसिले में 150 दिन मुहैया किया जाता है.
कुलभूषण जाधव मामले में भारत के बाद पाकिस्तान ने अपना पक्ष रखा. इस मामले में फैसला की तारीख दोनों पक्षों से बातचीत के बाद ही तय की जाएगी. इससे पहले इंटरनेशनल कोर्ट ने पाक को बड़ा झटका देते हुए, जाधव के कथित कबूलनामे वाली पाकिस्तानी वीडियो को देखने से इनकार कर दिया.
पाकिस्तान की तरफ से काउंसलर सैयद फराज हुसैन जैदी और क्यूसी कुरैशी ने अपना पक्ष रखा.
वीडियो:
पाकिस्तान ने अपने दलील में कहा -
- फांसी के फैसले पर रोक लगाने वाली भारत की याचिका खारिज की जाए, आईसीजे का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहा है भारत
- कुलभूषण मामले में वियना संधि लागू नहीं होती है, जाधव मामला काउंसलर एक्सेस के योग्य नहीं.
- 2008 की संधि से तय हुआ है काउंसलर एक्सेस, सुरक्षा के ऐसे मामलों में काउंसलर एक्सेस मुहैया नहीं कराई जा सकती है
- कुलभूषण जाधव पाकिस्तान के बलूचिस्तान से गिरफ्तार हुआ था, वो ईरान के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल हुआ
- कुलभूषण ने अपना जुर्म कबूल लिया है, वीडियो के जरिए कबूलनामे को देखा जा सकता है
- भारत ने कुलभूषण के बेगुनाही के सबूत नहीं दिए, जांच में सहयोग नहीं दिया
- पाकिस्तान की सुरक्षा का ये मामला आईसीजे के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता
- कोर्ट ने अटलांटिस विमान केस में अधिकार क्षेत्र ना होने की दलील मानी थी
- कुलभूषण जाधव को फांसी देने की जल्दी नहीं है, कुलभूषण को 150 दिन का समय दिया जाएगा