अमेठी के जिलाधिकारी प्रशांत शर्मा. 2012 बैच के आईएएस अफसर हैं. बी टेक की पढ़ाई की हुई है. देश के एक नागरिक के प्रति इनका रवैया देखकर समझ आता है कि इनके जनसरोकार के पैमाने कितने ऊंचे हैं. संविधान की कसम खाकर इन्हीं जैसे अधिकारियों पर देश के नागरिक की गरिमा सुनिश्चित करने का जिम्मा है. आपने भारत में युवा अधिकारियों से गुड गवर्नेंस के जितने सपने संजोए होंगे, ये वीडियो देखने के बाद सारे सपने एक झटके में ध्वस्त हो जाएंगे.
पहले ये वीडियो देखिए-
कुर्सी का ऐसा गुरूर कि डीएम साहब ने इतना भी नहीं सोचा कि जिस शख्स का कॉलर पकड़ कर वो खींच रहे हैं, अभी-अभी उसका भाई मारा गया है. अव्वल तो अगर डीएम का थोड़ा रौब अमेठी के अपराधियों पर भी चलता तो एक शख्स सरेआम कोतवाली के बगल में मारा न जाता. लेकिन लगता है कि डीएम साहब अपना सारा समय कमजोर लोगों को अपनी ताकत दिखाने में ही लगाते रहे.
डीएम का बर्ताव देख अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी से भी रहा न गया...उन्होंने तुरंत उन्हें शासन नहीं सेवक होने की नसीहत दी.
अब प्रशांत शर्मा को अमेठी के डीएम पद से हटा दिया गया है और उनकी जगह अरुण कुमार को जिले का नया डीएम बनाया गया है.
मामला क्या था?
अमेठी निवासी सोनू सिंह की मंगलवार देर शाम गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. गौरीगंज कोतवाली से महज 700 मीटर की दूरी पर मुसाफिरखाना रोड के नहर पुलिया के पास अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया था. बुधवार को मृतक के परिजन डीएम से इंसाफ की गुहार लगा रहे थे. इसी बीच डीएम बातचीत करने आए और बात हो ही रही थी कि ‘जिले के बॉस’ ने मृतक के भाई सुनील सिंह का कॉलर पकड़कर खींच दिया.
डीएम ने सफाई में जारी किया वीडियो
वीडियो में जो शख्स है यही हैं सुनील सिंह. इन्हीं की कॉलर खींचकर डीएम महोदय ने अपने प्रशासनिक धर्म को निभाया था. घटना के बाद इस वीडियो में सुनील सफाई दे रहे हैं-
आज मैंने कई न्यूज चैनलों पर देखा अमेठी से संबंधित खबर चल रही है. इसमें ये दिखाया है कि डीएम मेरे साथ अभद्र व्यवहार कर रहे हैं. जबकि ऐसा कुछ नहीं है. ये वीडियो जो दिखाया जा रहा है वो एडिटेड वीडियो है. मेरी शिकायत को उन्होंने सुना और हरसंभव मदद की है. जिलाधिकारी से हमारे व्यक्तिगत संबंध है और कई वर्षों से रहे हैं.सुनील सिंह
बयान की आखिरी पंक्ति को ध्यान से पढ़िए. ‘ जिलाधिकारी से हमारे व्यक्तिगत संबंध है और कई वर्षों से रहे हैं’. अगर व्यक्तिगत संबंध होने पर जिलाधिकारी ऐसा बर्ताव कर रहे हैं तो सब को मुफ्त सलाह कि ऐसे डीएम लोगों से व्यक्तिगत संबंध बनाने में सतर्कता बरतें.
यूपीएससी ने सिविल सेवकों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने के लिए अपनी परीक्षा प्रणाली में अलग से पेपर भी शामिल किया है. इस पेपर में अभ्यर्थी से सिविल सेवक से नैतिकता पर सवाल पूछ जाते हैं. अमेठी के डीएम का बर्ताव देख कह सकते हैं नैतिकता का ये पाठ पूरा असर नहीं दिखा रहा है.
‘शर्मा जी के डीएम बेटे’ की खूब हुई खिंचाई
स्मृति ईरानी ने ही नहीं, सोशल मीडिया पर भी लोगों ने डीएम की जमकर खिंचाई की.
लोगों ने ये भी कहा कि सफाई में सुनील सिंह का जो वीडियो जारी किया गया वो भी प्रशासनिक दबाव के चलते ही बनवाया गया. लेकिन अब डीएम साहब को पद से हटा लिया गया है.
अगर आप अमेठी के इन जिलाधिकारी महोदय (@DmAmethi) की ट्विटर टाइमलाइन पर जाएंगे तो देख सकेंगे कि ये नए जमाने के डीएम होने वाले सभी काम करते हैं. ट्विटर पर शिकायतों का समाधान करते हैं. अपनी पहल, अभियान, योजनाओं का सोशल मीडिया पर प्रचार करते हैं. लेकिन इस घटना ने जनता को सावधान किया है कि ये सब करने भर से आप किसी अधिकारी को अच्छा सिविल सेवक समझेंगे तो ये आपकी गलती होगी.
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