अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को साल 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) के लिए नॉमिनेट किया गया है. इसके पीछे की वजह यूएई और इजरायल के बीच ट्रंप द्वारा शांति समझौता कराया जाना है. नॉर्वे के सांसद ने ट्रंप को नोबेल के लिए नॉमिनेट किया है.
ट्रंप को नॉमिनेट किए जाने की खबर के बाद सोशल मीडिया पर मीम से लेकर कटाक्ष का दौर शुरू हो गया.
ट्वीटर यूजर के लिए विश्वास करना मुश्किल
ट्रंप को नोबेल के लिए नॉमिनेट की खबर पर ट्विटर पर मजेदार कमेंट्स आ रहे हैं. व्हाइट हाउस के ट्विटर हैंडल पर जब इस बात की जानकारी दी गई, तो एक यूजर ने हैरान होकर पूछ लिया कि क्या ये सच है.
वहीं कुछ लोगों ने कोरोना वायरस में सरकारी लापरवाही और करीब 2 करोड़ लोगों की मौत का मुद्दा भी उठाया है.
अमेरिका ही नहीं भारतीय ट्विटर यूजर भी ट्रंप के नॉमिनेशन को लेकर अचंभित हैं.
किसने किया ट्रंप को नॉमिनेट?
दरअसल, क्रिश्चियन गजेड का मानना है कि ट्रंप की मध्यस्थता के बाद ही इजरायल और यूएई में सालों से चल रहे टकराव को खत्म कर शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया.
गजेड का कहना है,
“ट्रंप की योग्यता को देखते हुए मुझे लगता है कि उन्होंने अधिकांश दूसरे शांति पुरस्कार के लिए नामित लोगों की तुलना में राष्ट्रों के बीच शांति बनाने के लिए ज्यादा कोशिश की हैं.”
दरअसल इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच जारी तनाव के बाद एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. इस समझौते में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अहम भूमिका निभाई थी. ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था, ''बड़ी सफलता! हमारे दो अच्छे दोस्तों, इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच ऐतिहासिक शांति समझौता!''
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