ADVERTISEMENTREMOVE AD

JNU:लोगों ने पूछा-शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर लाठीचार्ज,कौन सा लोकतंत्र

तीन हफ्तों से जेएनयू के छात्र नए हॉस्टल मैनअुल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

फीस बढ़ोतरी पर JNU छात्रों का विरोध लगातार सुर्खियों में है. सोशल मीडिया से लेकर न्यूज चैनलों तक इस पर खूब बहस हो रही है. दिल्ली में छात्रों के मार्च के बाद ये मुद्दा और भी बढ़ गया. छात्रों का आरोप है कि मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया, उन्हें घसीटा गया और पीटा गया. पुलिस के इस रवैये पर सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने इस पूरे विवाद में JNU छात्रों को सपोर्ट किया है. पूर्व जेएनयू स्टूडेंट स्वरा भास्कर ने सवाल उठाया है कि दिल्ली पुलिस ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज क्यों किया? स्वरा ने कहा, "वे शांतिपूर्ण विरोध के जरिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर ये हॉस्टल फीस मैनुअल लागू कर दिया गया, तो 43 फीसदी छात्र पढ़ाई पूरी नहीं कर पाएंगे."

जेएनयू के पूर्व छात्र नेता, उमर खालिद ने कहा, “JNU छात्र आशा की किरण हैं. अपने शरीर पर चोट सहते हुए उन्होंने सभी के बेहतर भविष्य और सभी के शिक्षा के अधिकार के लिए मार्च निकाला. छात्रों की ऐसी स्थिति पर जेएनयू के वीसी को शर्म करनी चाहिए, जहां छात्रों को उनके मूल अधिकार की मांग के लिए क्रूर बनाया जा रहा है.”

0

“नेत्रहीन छात्र को दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स से पिटवाया”

"JNU को फीस बढ़ोतरी के फैसले को वापस लेना चाहिए"

ADVERTISEMENTREMOVE AD

"यूनिवर्सिटी की पढ़ाई सभी का अधिकार, अमीरों के लिए विशेषाधिकार नहीं"

जेएनयू की मौजूदा स्थिति पर सवाल किए जाने पर सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि फीस में इजाफा केवल उनपर लागू होने चाहिए जो इसका भुगतान करने में सक्षम हैं. अमीर और जिनके पास पैसे की कमी नहीं है उन्हें बढ़ी हुई फीस का भुगतान करना चाहिए. उन लोगों पर ध्यान देना चाहिए जो प्रतिभाशाली लेकिन जरूरतमंद हैं.’’

ADVERTISEMENTREMOVE AD

JNU क्यों उबल रहा है?

करीब तीन हफ्तों से जेएनयू के छात्र नए हॉस्टल मैनअुल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्र हॉस्टल फीस बढ़ाए जाने, ड्रेस कोड और आने-जाने के समय पर प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने भी परिसर में सामान्य कामकाज बहाल करने के तरीके सुझाने के लिए सोमवार को तीन सदस्यीय एक समिति का गठन किया है.

हालांकि जेएनयू छात्रों का कहना है कि मानव संसाधन मंत्रालय की तरफ से मिला आश्वासन भी झूठा है. फीस रोलबैक के अलावा उन्हें कोई भी आश्वासन नहीं चाहिए. इसके लिए अब देशभर में आंदोलन की अपील की जा रही है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×