ऑक्सीजन के बिना देशवासी मर रहे हैं. देश पर बड़ी विपदा आई है. देशवासी मुसीबत में हैं. ऐसे में कोई देशप्रेमी क्या करेगा? दिन रात देश के बारे में चिंता करेगा, इसी पर बात करेगा. इस देश में कुछ ऐसे लोग हैं जो खुद को सबसे बड़ा देशभक्त बताते हैं और लगभग रोज टीवी चैनलों पर बैठकर दूसरों को देशद्रोही होने का सर्टिफिकेट बांटते रहते हैं. तो हमने कुछ ऐसे ही 'देशभक्तों' की ट्विटर टाइम लाइन की जांच की और जानना चाहा कि ये लोग राष्ट्रभक्त हैं या राज भक्त?
इस मुश्किल समय में जब लोगों को सरकार से मदद मिलती नहीं दिखी तो उन्होंने एक-दूसरे की मदद करने का फैसला किया. ट्विटर, फेसबुक से लेकर इंस्टाग्राम तक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स रेमडेसिविर और ऑक्सीजन के लिए मदद पाने का जरिया बन गए हैं.
इन प्लेटफॉर्म्स में से भी ट्विटर की भूमिका बहुत खास रही है. लेकिन इसी ट्विटर पर सरकार समर्थक लोग बंगाल चुनाव से लेकर सरकार के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं. देश इतने बड़े संकट से गुजर रहा है, ऑक्सीजन की कमी जगजाहिर है, लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे हैं, पर सरकार समर्थक कह रहे हैं कि 'सकारात्मक रहिए.'
संबित पात्रा
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने 24 और 23 अप्रैल को ज्यादातर ट्वीट्स इस बात की जानकारी देने के लिए किए हैं कि वो किस समय किस चैनल पर बहस के लिए जाने वाले हैं.
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की बैठक को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने टेलीकास्ट कर दिया था. पात्रा को एक ट्वीट इस पर भी करना जरूरी लगा. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "राजनीति के लिए इतना नीचे गिर गए."
संबित पात्रा ने अपने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है और लिखा, "मोदी जी ने करोना की इस लड़ाई में किस प्रकार से नेतृत्व दिया और इस संकट में क्या क्या किया ...तो इस विडीओ को अवश्य देखें." केंद्र सरकार पर कोरोना संकट संभालने को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इस वीडियो में लोगों से संकट में 'सकारात्मक' रहने को कहा गया है.
पिछले दो दिनों में पात्रा ने देश के इतने बड़े संकट से जुड़ा एक भी ट्वीट नहीं किया, लेकिन बंगाल चुनाव पर उनकी कमेंटरी जारी है.
अमित मालवीय
बीजेपी के आईटी सेल इंचार्ज अमित मालवीय के दो दिनों के ट्वीट्स देखने पर ऐसा लगता है कि इस देश में सबसे बड़ी खबर सिर्फ बंगाल चुनाव है. और अगर कोरोना का संकट है भी तो केंद्र सरकार का उस पर नियंत्रण है.
मालवीय के बाकी ट्वीट्स में वो अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते दिखते हैं. कहीं वो केजरीवाल को 'डिजास्टर' बताते हैं तो कहीं 'दिल्ली की दिक्कतों की वजह'.
मालवीय देश की सत्ताधारी पार्टी का सोशल मीडिया देखते हैं. वो चाहें तो लोगों की मदद में पूरा बीजेपी का सोशल मीडिया तंत्र लगा दें, लेकिन उनकी प्राथमिकता सरकार के बचाव के अलावा और कुछ नहीं दिखती.
सुशांत सिन्हा
पत्रकार सुशांत सिन्हा अधिकतर बीजेपी के समर्थन में नजर आते हैं. पिछले दो दिनों में उन्होंने कई लोगों के ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की मदद वाले ट्वीट्स को रीट्वीट किया है. लेकिन इसी के साथ लोगों से 'पॉजिटिव' रहने की अपील भी कर रहे हैं.
इतने दिनों से देश में ऑक्सीजन की कमी चल रही है. कितने ही हाई कोर्ट में इस संबंध में सुनवाई चल रही है. फिर कहीं जाकर सरकार ने आर्मी और वायुसेना की मदद लेनी शुरू की. देश पर आई विपदा की गंभीर स्थिति पर सिन्हा का कोई ट्वीट नहीं दिखा, लेकिन विमानों के जरिए ऑक्सीजन टैंकर पहुंचाने पर उनका ट्वीट जरूर आया.
ऑप इंडिया
दक्षिणपंथी विचारधारा का समर्थन करने वाली वेबसाइट ऑप इंडिया ने महामारी में भी समाज को बांटने वाली खबरें करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. ट्विटर पर वेबसाइट ने लगातार हिंदूफोबिया और धर्म परिवर्तन जैसे मुद्दे उठाए हैं.
23 अप्रैल को महाराष्ट्र के वसई में एक अस्पताल में आग लगने से 14 लोगों की मौत हो गई थी. ऑप इंडिया ने इस पर स्टोरी की है, लेकिन 24 अप्रैल को जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 20 लोगों की मौत हो गई, इस पर वेबसाइट ने स्टोरी नहीं की. और एक स्टोरी जो की है वो इस एंगल से कि अस्पताल ने मौतों का दोष दिल्ली सरकार पर मढ़ दिया है.
अशोक पंडित
बीजेपी समर्थक अशोक पंडित लगातार लोगों की मदद के लिए रीट्वीट और ट्वीट कर रहे हैं. साथ ही वो कह रहे हैं कि 'जब कोई मौतों की जिम्मेदारी नहीं लेता तो बहुत मुश्किल होता है. क्या प्रलय इससे भी बुरी होगी?'
लेकिन फिर उनके बाकी ट्वीट्स देखें तो लगता है कि उन्हें सरकार के प्रति ऐसा कोई रोष नहीं है. कई राज्यों से शमशान घाटों की तस्वीरें सामने आ रही हैं. जब एक ट्विटर यूजर ने पूछा कि पत्रकार बरखा दत्त किसी गैर-बीजेपी शासित प्रदेश की तस्वीर क्यों नहीं दिखातीं, तो पंडित ने जवाब दिया, "क्योंकि बीजेपी शासित प्रदेश उन्हें पैसा नहीं देते."
पंडित ने विरार अस्पताल में हुई मौतों पर ट्वीट कर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना कर दी, लेकिन गंगा राम अस्पताल और जयपुर गोल्डन अस्पताल में हुई मौतों पर उनका ट्वीट नहीं दिखा.
पिछले तीन दिन से कोरोना के नए केस 3 लाख से ज्यादा आ रहे हैं. रोजाना रिकॉर्ड बन रहा है. मौतों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. स्वास्थ्य व्यवस्था खस्ताहाल है. अस्पताल हर रोज ऑक्सीजन की कमी की शिकायतें कर रहे हैं. दवाइयों और ऑक्सीजन के आभाव में मरीजों की मौत हो रही है. लेकिन ऐसी स्थिति में सरकार समर्थक या प्रवक्ता सोशल मीडिया पर क्या लिख बोल रहे हैं, ये हमने आपको यहां बताया है. ये राष्ट्रभक्त है सरकार भक्त, आप तय कर लीजिए.
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