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ट्विटर पर पीएम मोदी का नाम अब कम ले रहे सरकार के मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और रेल मंत्री पीयूष गोयल की ट्विटर टाइमलाइन का विश्लेषण

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मौजूदा सरकार की रीत ये है कि कोई मंत्री, पार्टी का नेता कुछ करता है तो पीएम को जरूर क्रेडिट देता है. कुछ उल्लेखनीय काम हो, डिपार्टमेंट का कोई अपडेट हो, इसकी जानकारी देते हुए ट्वीट करता है तो भाषा कुछ यूं होती है कि -माननीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से....माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन से....लेकिन हाल के दिनों में केंद्र सरकार के मंत्रियों ने अपने ट्वीट में पीएम मोदी को टैग करना कम कर दिया है. कम से कम दो मंत्रियों स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने जो ट्वीट किए हैं, उनके विश्लेषण से ये बात पता चलती है.

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पीयूष गोयल अब पीएम मोदी को कम कर रहे टैग

ट्वीटर यूजर रवि किरण ने ये विश्लेषण किया है.सबसे पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल के ट्विटर टाइमलाइन पर पीएम मोदी के मेंशन का विश्लेषण देखते हैं. 3 जनवरी से लेकर 9 मई तक पीयूष गोयल के पीएम मोदी को टैग करने का ग्राफ लगातार नीचे आया है. 2 मई यानी बंगाल चुनाव परिणामों के बाद तो ये गिरकर शून्य के आसपास चला जाता है.

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स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का भी यही हाल

देश के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के ट्विटर टाइमलाइन का भी हाल पीयूष गोयल से मिलता जुलता है. इस साल की शुरुआत में वो पीएम मोदी को मेंशन करते हुए हर हफ्ते औसतन 15 से 35 ट्वीट तक करते थे. लेकिन अब ये औसत गिरकर 5 के भी नीचे चला गया है. ये सब तब हो रहा है जब देश कोरोना वायरस संकट से गुजर रहा है और बतौर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का काम इस वक्त सबसे अहम रहा है.

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रवि किरण ने सरकारी अकाउंट माय गॉव के ट्विटर हैंडल का भी विश्लेषण किया. उस अकाउंट पर भी इसी तरह के ट्रेंड देखने को मिले. नीचे आप ग्राफ नीचे गिरते हुए देख सकते हैं. साफ है कि सरकारी वेबसाइट से लेकर पीएम मोदी के मंत्री परिषद के नेता भी उन्हें ट्विटर पर टैग नहीं कर रहे.

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पीएम मोदी को क्यों कम कर रहे टैग?

इसका जवाब तो ये मंत्री और @Mygovindia हैंडल करने वाले लोग ही दे सकते हैं. बाकी अंदाजा ही लगाया जा सकता है. कोरोना के बाद बदतर हालात में ऑक्सीजन, बेड, दवाओं, इंजेक्शन की कमी से लाखों लोग दो-चार हुए हैं और हजारों लोगों ने अपने चाहने वालों को खो दिया है. बीते दिनों कोरोना वायरस संकट के मैनेजमेंट को लेकर पीएम मोदी की जमकर आलोचना हुई है. ऐसे में हो सकता है कि रणनीति ये हो कि पार्टी के चेहरे यानी पीएम मोदी को और नुकसान होने से बचाया जाए और उनका नाम कम लिया जाए.

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