ADVERTISEMENTREMOVE AD

‘डर’ में थे ट्विटर यूजर्स, PM ‘नोटबंदी’ जैसी घोषणा न कर दें

आर्टिकल 370 हटने के बाद पीएम मोदी का पहला संबोधन

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार, 8 अगस्त को पहली बार देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को काफी नुकसान हो रहा था. शिक्षा का अधिकार समेत ऐसी कई चीजें थीं, जिससे राज्य के लोग वंचित थे. पाकिस्तान पर पीएम मोदी ने ये भी कहा कि इस आर्टिकल का इस्तेमाल पाकिस्तान कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए कर रहा था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
मोदी के संबोधन पर सोशल मीडिया पर खूब रिएक्शन्स आ रहे हैं. जहां एक ओर लोगों ने पीएम मोदी की तारीफ की है, तो वहीं कुछ को उनका भाषण पसंद नहींं आया.

मोदी लाएंगे घाटी में विकास

भाषण के बाद, ट्विटर पर कई यूजर्स ने पीएम को जम्मू-कश्मीर को ‘भारत का हिस्सा’ बनाने के लिए शुक्रिया कहा. लोगों ने लिखा की नरेंद्र मोदी की सरकार घाटी में विकास लाने के लिए प्रतिबद्ध दिखती है.

0

लेकिन कश्मीरी लोगों के लिए क्या?

पीएम मोदी ने अपने भाषण कश्मीर में टूरिज्म लाने और फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने की भी बात कही. इसपर कई लोगों ने लिखा कि उन्हें कश्मीर में टूरिज्म नहीं, बल्कि खुली हवा में सांस लेनी है.

‘लोग अपने परिवार से बात नहीं कर पा रहे हैं, और हमारे पीएम टूरिज्म, बॉलीवुड और हर्ब्ल मेडीसिन की बात कर रहे हैं.’
एक यूजर ने ट्विटर पर लिखा

एक यूजर ने लिखा कि करीब 40 मिनट के इस संबोधन में पीएम ने कश्मीर में विकास लाने और ईद मनाने की बात कही, लेकिन इतने दिनों से बंद कम्यूनिकेशन पर कुछ नहीं कहा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

संबोधन में नोटबंदी तो नहीं

करीब तीन साल पहले पीएम ने ऐसे ही एक संबोधन में सभी को नोटबंदी का सरप्राइज दिया था. कुछ यूजर्स ने मजाक में लिखा कि शुक्र है इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ.

क्या संबोधन से पाकिस्तान में भी हुई हलचल?

गृहमंत्री अमित शाह ने 6 अगस्त को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया. जिसके बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश हो गया, जबकि लद्दाख विधानसभा के बिना केंद्र शासित प्रदेश बन गया. जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त को इंटरनेट कनेक्टिविटी, एसएमएस और फोन सुविधाओं पर बैन लगाया गया था, जो अब तक जारी है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें