क्या आपको मालूम है कि स्टॉकिंग, यानी लड़कियों का पीछा करना हमारे देश में जमानती अपराध है. बगैर किसी गहन जांच के, ऐसा करने वाले मनचलों को आसानी से जमानत मिल जाती है.
इस वजह से अक्सर पीड़ित लड़कियां गंभीर मुसीबतों में फंस जाती हैं. कई मामलों में तो ये काफी खतरनाक साबित होता है. जमानत पर बाहर आने के बाद स्टॉकर्स लड़कियों को काफी परेशान करते हैं.
क्या आपको लगता है कि ये स्वीकार्य है? क्या आप सोचते हैं कि ऐसा होना चाहिए? हमें लगता है बिल्कुल नहीं.
देश में लड़कियों का पीछा किए जाने के मामले (स्टॉकिंग) दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. नेशनल क्राइम ब्यूरो के मुताबिक, स्टॉकिंग के 80 फीसदी से ज्यादा आरोपी चार्जशीट दाखिल करने से पहले ही जमानत पर रिहा हो जाते हैं.
काफी मामलों में ऐसा देखा गया है कि जमानत पर आने के बाद स्टॉकर्स उन लड़कियों को और ज्यादा परेशान करने लगते हैं. ये मनचले एसिड अटैक, रेप और कई बार हत्या तक की वारदात को अंजाम देते हैं.
अभी दो महीने पहले ही, उत्तर प्रदेश के एक गांव में 17 साल की एक लड़की की चार लड़कों ने हत्या कर दी. ये सभी लड़के छह महीने से ज्यादा समय से उस लड़की का पीछा कर उसे परेशान कर रहे थे और अंततः उसे मौत की आगोश में सुला दिया.
चेन्नई में 21 साल की एक महिला को उसके पूर्व सहपाठी ने घर में जिंदा जला दिया, क्योंकि उसने शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.
अगर स्टॉकिंग देश में इतना कॉमन हो गया है, तो क्या ये गैर-जमानती अपराध नहीं होना चाहिए?
स्टॉकिंग के खिलाफ चुप्पी तोड़ने के लिए, Quint NEON ने #TalkingStalking चलाया था, जिसे महिलाओं और पुरुषों, सभी का जबरदस्त समर्थन मिला. इस हौसला अफजाई के बाद हमने अभियान का दायरा बढ़ाते हुए स्टॉकिंग की समस्या का हल ढूंढने और पीड़ितों को सुरक्षा मुहैया कराने की ठानी है. साथ ही साथ इसे गैर जमानती अपराध घोषित करवाने की मुहिम शुरू की है.
द क्विंट ने वरिष्ठ वकील कामिनी जायसवाल और सांसद डॉ. शशि थरूर के साथ मिलकर मुहिम शुरू की है. लोकसभा में प्राइवेट मेंबर के तौर पर पेश विधेयक में एक संशोधन के लिए थरूर तैयार हैं इसमें स्टॉकिंग को गैर जमानती अपराध बनाने का प्रावधान किया जाना है.
हमने अपनी इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए वर्णिका कुंडु को अपने साथ जोड़ा है. जो कुछ दिन पहले चंडीगढ़ में स्टॉकिंग का शिकार हुई थीं
अगर आप हमारी इस मुहिम में शामिल होना चाहते हैं, तो इस कृपया इस पिटीशन पर दस्तखत कर अपना समर्थन जताएं.
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