यूपी का कासगंज जिला 'तिरंगा यात्रा' के दौरान हुई हिंसा के कारण अब भी सुलग रहा है. सरकार इस मामले को शांत करने और कारणों पर पर्दा डालने में जुटी है. कासंगज की घटना ज्यादा तूल न पकड़े, इसलिये इंटरनेट सेवा भी बन्द कर दी गई है. लेकिन वहीं बरेली डीएम के फेसबुक पोस्ट ने हलचल मचा दी है.
हालांकि यह पोस्ट इस घटना के बारे में नही हैं, लेकिन तनाव के इस माहौल में इस पोस्ट को इसी घटना से जोड़कर देखा जा रहा है. वैसे ये पोस्ट जितना बेबाक है, उससे कहीं ज्यादा बेबाक हैं बरेली के डीएम कैप्टन आर विक्रम सिंह, क्योंकि योगी सरकार में डीएम पद पर रहकर, ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे को मुस्लिम इलाकों में लगाने पर सवाल खड़ा करना हर किसी के बस की बात नहीं.
इस पोस्ट पर मचा था बवाल
बरेली के डीएम ने रविवार रात 10.25 पर फेसबुक पर पोस्ट किया था:
“अजब रिवाज बन गया है. मुस्लिम मोहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ. क्यों भाई, वे पाकिस्तानी हैं क्या?”डीएम का फेसबुक पोस्ट
कुछ ही देर में ये पोस्ट तेजी से वायरल होने लगी. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद डीएम ने पोस्ट डिलीट कर दी और इस पर सफाई भी दी है. लेकिन तब तक इस पोस्ट की चर्चा पूरे देश में होने लगी थी.
पहले भी उठाते रहे हैं सवाल
आर विक्रम सिंह पहले भी हर ज्वलंत मुद्दे पर अपनी राय बेबाकी से रखते आए हैं. इससे पहले पद्मावत पर चल रहे करणी सेना के बवाल पर भी उन्होंने सवाल खड़ा किया था.
सुप्रीम कोर्ट विवाद पर भी उठाया था सवाल
सुप्रीम कोर्ट में चार जजों के विवाद पर भी उन्होंने अपनी बेबाक राय फेसबुक पर शेयर की थी.
सेना से आए प्रशासनिक सेवा में
राघवेंद्र विक्रम सिंह 2005 बैच के प्रमोटेड आईएएस अफसर हैं. सेना से रिटायर होने के बाद यूपी प्रादेशिक सिविल सेवा में तैनाती ली थी. बरेली से पहले वो श्रावस्ती के डीएम रह चुके हैं. राघवेंद्र इसी साल अप्रैल में रिटायर होने वाले हैं.
कहां-कहां रहे तैनात
- प्रशासनिक सेवा में आने से पहले 8 साल सेना में कैप्टन रहे
- 1998-99 में वाराणसी म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में अतिरिक्त आयुक्त
- 1999 में बरेली के सिटी मजिस्ट्रेट रह चुके हैं
- वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव और सिटी मजिस्ट्रेट
- कानपुर नगर आयुक्त
- इलाहाबाद में विकास प्रधिकरण उपाध्यक्ष
- विशेष सचिव एवं अपर निदेशेक, पर्यटन
जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते हैं
मूल रूप से बहराइच के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले आर विक्रम सिंह का बचपन अपने होमटाउन में ही बीता. बाद में वे जौनपुर चले आये और गोरखपुर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया.
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