चेन्नई के तिरुवनमियुर बीच पर रविवार, 18 अगस्त की रात अचानक से चमकती हुई लहरें दिखने लगीं. रात को बीच पर ठंडी हवा का मजा ले रहे लोगों के लिए ये किसी सरप्राइज से कम नहीं था. इन चमकती लहरों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब शेयर की जा रही हैं.
समुद्र में इन चमकती लहरों को बायोलुमिनसेंस कहते हैं. आसान भाषा में इसे सी टिंकल कहते हैं. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने चेन्नई के बीच से तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं.
बायोलुमिनसेंस Noctiluca Scintillans (सी स्पार्कल), एक प्रकार के फाइटोप्लांकटन (एल्गी) के कारण होता है, जो तट पर आते ही अपनी केमिकल एनर्जी को लाइट एनर्जी में बदल देते हैं.
ये बैक्टीरिया, एल्गी, सी स्टार्स और जेलीफिश समेत कई समुद्री जीवों में पाया जाता है. द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, मरीन एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये क्लाइमेट चेंज का एक संकेत है और इससे गहरे समुद्र में मछली पकड़ने पर प्रभाव पड़ सकता है.
क्लाइमेट चेंज का संकेत
खबर में नेशनल सेंटर फॉर कोस्टल रिसर्च (NCCR) में कोस्टल प्रोसेस एंड शोरलाइन मैनेजमेंट स्टडीज में स्पेशलिस्ट डॉ प्रवाकर मिश्रा ने बताया कि रविवार को बायोलुमिनसेंस की घटना, भारी बारिश और समुद्र में सीवेज डालने के कारण हो सकता है. उन्होंने कहा कि NCCR पिछले पांच सालों से चेन्नई के बीच को मॉनिटर कर रहा है, और ऐसा पहली बार हुआ है.
दुनियाभर में कई जगह हैं जो बायोलुमिनसेंस के लिए फेमस हैं. जापान का Toyama Bay, वियतनाम का Halong Bay और थाईलैंड का Reethi बीच इनमें से कुछ हैं.
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