अब किसी होटल या रेस्तरां में सर्विस लेने पर आप खुद तय करेंगे कि आपको सर्विस चार्ज देना है या नहीं. कंस्यूमर्स अफेयर मिनिस्ट्री ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे लोगों को इस बारे में जागरूक करें साथ ही होटल और रेस्तरां मालिकों को इस बारे में जानकारी दें. हालांकि यह नियम पहले से था, लेकिन जागरूकता न होने की वजह से होटल और रेस्तरां के मालिकों ने सर्विस चार्ज को आवश्यक कर दिया था.
उपभोक्ताओं ने कई शिकायतें की हैं कि होटल और रेस्तरां टिप्स के रूप में 5 से 20 प्रतिशत तक ‘सर्विस चार्ज’ लगाते हैं जिसका भुगतान करने का दबाव उपभोक्ताओं पर बनाया जाता है, जिसका सर्विस की कैटिगरी से कोई लेना-देना नहीं होता हैकंस्यूमर्स अफेयर मिनिस्ट्री
कंस्यूमर्स अफेयर की मिनिस्ट्री ने बताया था कि ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि होटल और रेस्तरां में कस्टमरों से उनकी जानकारी के बगैर अनिवार्य रूप से सर्विस चार्ज लिया जा रहा है. ऐसे में मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण जारी किया है. यदि कस्टमर्स से सेवा से संतुष्ट न होने पर भी उनसे सर्विस चार्ज लिया जा रहा है तो वे कंस्यूमर फोरम में इसकी शिकायत कर सकते हैं.
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