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एक बार की उदासी इंसान को अगले 120 घंटे तक घेर लेती है- स्टडी

उदासी में एक बार जाना इंसान को पड़ सकता है काफी भारी.

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हर इंसान अपने जीवन में कभी न कभी, किसी न किसी वजह से उदासी के दौर से जरुर गुजरता है. कभी किसी की फटकार की वजह से, कभी प्यार में धोखा खाने की वजह से, तो कभी मन मुताबिक इच्छा पूरी न होने पर.

डेली मेल में छपी रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, किसी वजह से इंसान का एक बार उदास होना उसे अगले 120 घंटो यानी पांच दिनों तक उदास मूड में रख सकता है.

यही नहीं, बल्कि उदासीनता बाकी भावनाओं से 240 गुना ज्यादा असरदार होती है. शर्मिंदगी या नाखुश होने पर इंसान को सिर्फ 30 मिनट तक ही इसका अहसास होता है.

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बेल्जियम में लोवेन यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर फिलिप वरद्युन और सास्किया लाव्रीजसन ने 233 स्टूडेंट पर 27 तरह की भावनाओं पर रिसर्च की है. उन्होंने रिसर्च में जाना कि कोई एक भावना का किसी इंसान पर कितनी देर तक असर होता है.

27 भावनाओं में उदासी सबसे ज्यादा लंबे समय तक इंसान को घेरी रखती है. जबकि खुशी, शर्म आना, शौक लगना, डर लगना, घृणा करना, चिंता करना जैसी भावनाएं कम समय तक इंसान को घेरी रखती है.

देखिए यह चार्ट-

उदासी के बाद सबसे ज्यादा इंसान को घेरे रखने वाली भावना 'नफरत' है. इसका असर 60 घंटो यानी कि ढ़ाई दिन तक इंसान के अंदर रहता है.

अगर इंसान किसी बात को लेकर बहुत खुश है, तो इसका असर सिर्फ 35 घंटों तक रहता है. इसके बाद इंसान फिर उसी सामान्य मूड में आ जाता है.

उदासीनता को कैसे दूर करें?

उदासी का एक बार इंसानी शरीर में प्रवेश करने से जिंदगी के पांच दिन बेकार हो सकते हैं. इसलिए हमें इससे बचने का तरीका बखूबी आना चाहिए.

यहां जानिए उदासीनता को भगाने के कुछ उपाय..

उदासी में एक बार जाना इंसान को पड़ सकता है काफी भारी.
(फोटो: द क्विंट)
उदासी में एक बार जाना इंसान को पड़ सकता है काफी भारी.
(फोटो: द क्विंट)
उदासी में एक बार जाना इंसान को पड़ सकता है काफी भारी.
(फोटो: द क्विंट)
उदासी में एक बार जाना इंसान को पड़ सकता है काफी भारी.
(फोटो: द क्विंट)
उदासी में एक बार जाना इंसान को पड़ सकता है काफी भारी.
(फोटो: द क्विंट)
उदासी में एक बार जाना इंसान को पड़ सकता है काफी भारी.
(फोटो: द क्विंट)
उदासी में एक बार जाना इंसान को पड़ सकता है काफी भारी.
(फोटो: द क्विंट)
उदासी में एक बार जाना इंसान को पड़ सकता है काफी भारी.
(फोटो: द क्विंट)
उदासी में एक बार जाना इंसान को पड़ सकता है काफी भारी.
(फोटो: द क्विंट)

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