पिछले सप्ताह एक बच्ची को जन्म देने के बाद डायना हेडेन तब सुर्खियों में आ गईं, जब उन्होंने बताया कि यह बच्ची आठ साल पहले फ्रीज किए एग की मदद से पैदा हुई है. पर कुछ साल बाद बच्चे पैदा करने के लिए एग फ्रीज कर देना क्यों सही नहीं है, इसके कुछ कारण हैं.
42 साल की अभिनेत्री व पूर्व मिस वर्ल्ड डायना ने सालों पहले अपने एग फ्रीज करा दिए थे, ताकि वे जब बढ़ती उम्र में मां बनना चाहें, तो उन्हें अपनी घटती फर्टिलिटी की चिंता न करनी पड़े.
डायना के लिए यह निर्णय किसी मेडिकल जरूरत की वजह से नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल से जुड़ा था. एक मनचाही जिंदगी के लिए उन्होंने अपनी बायो क्लॉक की बंदिश से निजात पा ली.
वह एक निश्चित समय में बच्चे पैदा करने के दबाव से भी बच गईं, वरना घटती फर्टिलिटी की वजह से मां बनने से वंचित रह जाने खतरा उन्हें भी उठाना ही पड़ता.
पैसे पर काम करने वाले ‘देवदूत’
एक नजरिए से देखा जाए, तो यह तकनीक एक महिला के लिए उतनी ही क्रांतिकारी और ताकत देने वाली है, जितनी कि एक पिल. दुनियाभर की महिलाएं इस तकनीक को उम्मीद भरी निगाह से देख रही हैं, क्योंकि इसके जरिए वे अपनी बायलॉजी पर नियंत्रण कर सकती है.
ऐसा लगता है कि इस तकनीक ने महिलाओं को उनकी फर्टिलिटी के लिए एक पॉज बटन दे दिया है, जिसके जरिए वे बच्चा पैदा करने का निर्णय उस समय तक के लिए रोक सकती हैं, जब तक कि वे अपने करियर को उस जगह तक नहीं ले जातीं, जहां वे मां बनने का समय निकाल सकें या फिर ये तय कर सकें कि वे किसके साथ परिवार शुरू करना चाहती हैं.
साल 2014 में वैश्विक स्तर पर एग फ्रीजिंग तकनीक को कॉरपोरेट्स का साथ मिला. एपल और फेसबुक ने अपनी महिला कर्मचारियों के लिए एग फ्रीजिंग सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराने की घोषणा कर दी. महिलाओं को एग फ्रीजिंग के लिए प्रोत्साहित करते हुए अन्य कंपनियां भी ऐसा कर सकती हैं.
अमेरिका के फर्टिलिटी क्लीनिक्स एग फ्रीजिंग कॉकटेल पार्टी आयोजित करते हैं, ताकि महिलाएं इस तकनीक को अपनाकर बच्चे पैदा करने का समय आगे बढ़ा दें. पश्चिम में यह पहले ही एक बड़ा बिजनेस (पूरे प्रॉसेस में हजारों डॉलर की कीमत चुकानी होती है) बन चुका है.
क्या एग फ्रीजिंग एक सही निर्णय है?
अगर भारतीय रईसों के ड्राइंग रूम में होने वाली बातचीत के हिसाब से देखें, तो डायना ने एग फ्रीजिंग के लिए वही किया है, जो आमिर और शाहरुख ने सरोगेसी के लिए किया.
2011 में आमिर खान और उनकी पत्नी किरण राव ने सरोगेसी की मदद से एक बेटा पैदा किया. शाहरुख और उनकी पत्नी गौरी ने भी ऐसा ही किया, जबकि वे पहले भी दो स्वस्थ बच्चे पैदा कर चुके हैं. ऐसे में सरोगेसी का इस्तेमाल स्टाइल स्टेटमेंट ही था.
यह बात और है कि इनफर्टाइल जोड़ों के लिए सरोगेसी एक वरदान साबित हो रही है, इसीलिए देश भर में इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है. पर डायना के एंडोर्समेंट के बाद एग फ्रीज तकनीक मोटी तनख्वाह उठाने वाली अकेली महिलाओं के लिए मां बनने का समय बढ़ा पाने का आसान तरीका बनकर जरूर आ रहा है.
पर ध्यान देने वाली बात यह है कि जरूरी नहीं हर बार यह तकनीक कामयाब ही हो जाए. हां, इसके अपने खतरे हैं.
बच्चे के जिंदा पैदा होने की संभावना कम ही है
बच्चे के जन्म को लेकर विज्ञान पर निर्भर होने के साथ-साथ हम लगातार खतरे उठा रहे हैं. 1978 में जब पहला टेस्ट ट्यूब बेबी पैदा हुआ था, तब भी सवाल उठे थे. पर आज आईवीएफ तकनीक उतनी ही आम हो गई है, जितना कि एक सीजेरियन या कोरोनरी बाइपास सर्जरी.
भारत में किसी प्रभावी रेगुलेटरी बॉडी के अभाव में प्रजनन तकनीकों का एक बड़ा बाजार फल-फूल रहा है, जिसमें डॉक्टर्स हैं, स्पर्म डोनर हैं, एग्स डोनर हैं... और भी बहुत कुछ हैं. इससे लोगों को उम्मीद भी मिली है और बच्चे भी.
फ्रीजिंग एग तकनीक के साथ बड़ी दिक्कत यही है कि इसकी सफलता के आसार कम ही होते हैं. यह तकनीक पिछले 20 साल से मौजूद है. यह खासतौर से कैंसर रोगियों के लिए इस्तेमाल की जा रही थी, जिनकी फर्टिलिटी कीमोथेरेपी की वजह से घट जाती है.
भले ही इस तकनीक की लोकप्रियता बढ़ रही हो, पर अमेरिकन सोसाइटी फॉर रिप्रोडक्टिव साइंस की मानें, तो इसकी सफलता का प्रतिशत 2 से 12 फीसदी ही है. सफलता की संभावना बढ़ाने के लिए एकसाथ कई एग्स को फ्रीज करना पड़ता है.
और इसकी प्रक्रिया भी आसान नहीं है. एक सप्ताह तक महिला को हार्मोन्स के इनजेक्शन दिए जाते हैं, ताकि एग बन सकें और फिर एनस्थीसिया की मदद लेकर उन एग्स को बाहर निकालकर विट्रिफिकेशन तकनीक से फ्रीज कर दिया जाता है.
जब वह महिला मां बनने के लिए तैयार होती है, तब उन एग्स को गर्म करके आईवीएफ तकनीक की मदद से फर्टिलाइज किया जाता है.
क्या यह एक व्यावहारिक विकल्प है?
कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि इस तकनीक की सफलता की दर आईवीएफ से कम नहीं हैं. लेकिन अगर आप इस तकनीक की मदद से 40 या 45 की उम्र में मां बनने का निर्णय लेती हैं, तो हो सकता है कि तब तक इसकी विफलता की सूरत में, बाद में मां बनने के लिए एग ही न बचें?
अगर फ्रोजन एग इनफीरियर निकलें, या उन में कोई क्रोमोजोमल डिफेक्ट हो या फिर फ्रीजिंग और थॉइंग की प्रक्रिया के दौरान ये एग निष्क्रिय हो जाएं, तब हो सकता है कि आपके पास मां बनने का कोई विकल्प ही न रहे.
यहां तक कि अगर किसी ने 20 वर्ष के आसपास की उम्र में भी एग फ्रीज करा दिए हों, तब भी 40 पार की उम्र में मां बनने की अपनी जटिलताएं हैं, खासतौर पर डिलीवरी के दौरान.
यहां सफलता की संभावना कम तो है, पर अपने करियर को प्राथमिकता देने वाली महिलाओं के लिए उम्मीद भी बनती है. और क्या पता, कल यह तकनीक और बेहतर हो जाए और 10-15 साल पुराने एग्स से बच्चे पैदा करना इतना मुश्किल न रहे.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)