Hariyali Teej 2021 Date: हरियाली तीज हिंदू समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. इसे सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. श्रावण मास में आने के कारण, इसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है. इस बार हरियाली तीज 11 अगस्त बुधवार के दिन मनाई जा रही है.
हरियाली तीज मुख्य रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड में मनाई जाती है. हरियाली तीज तीन प्रसिद्ध तीजों में से एक है, जो सावन और भाद्रपद महीनों के दौरान महिलाओं द्वारा मनाई जाती हैं, अन्य दो कजरी तीज और हरतालिका तीज होती हैं.
Hariyali Teej 2021 का शुभ मुहूर्त
इस साल हरियाली तीज 11 अगस्त बुधवार के दिन मनाई जाएगी. Drik Panchang के अनुसार, तृतीया तिथि 10 अगस्त को शाम 06.05 बजे शुरू होती है और 11 अगस्त को शाम 04.53 बजे समाप्त होगी.
हरियाली तीज का महत्व
हरियाली तीज शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन और आमतौर पर नाग पंचमी से दो दिन पहले आती है. यह त्योहार भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित होता है. इस दिन शिव-पार्वती जी की पूजा और व्रत किया जाता है. शिव पुराण के अनुसार इसी दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था.
मान्यता है कि इस दिन विवाहित महिलाओं को अपने मायके से आए कपड़े पहनने चाहिए और साथ ही श्रृंगार में भी वहीं से आई वस्तुओं का इस्तेमाल करना चाहिए.
हरियाली तीज पूजा विधि
हरियाली तीज के दिन शिव और पार्वती की मिट्टी से बनी प्रतिमा का चलन है. व्रत करने वाली महिलाएं घर पर ही बनी प्रतिमा की पूजा करती हैं. शिव-पार्वती की फोटो रखकर भी पूजा की जा सकती है. सुबह पूजा करने से पहले साफ शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए. पहले गणेश जी, नवग्रह और षोडश माता की पूजा की जाती है.
इसके बाद शिव-पार्वती की प्रतिमा की पूजा करते है. इसके लिए शुद्ध जल, पंचामृत, रोली, मौली, अक्षत, सिंदूर, फिल-फूल, बेलपत्र का प्रयोग करना चाहिए. मिट्टी से बनाई गई प्रतिमा को सुंदर वस्त्रों से सजाया जाता है. शिवजी को धोती-गमछा और पार्वती जी को लहंगा-ओढ़नी और सुहाग पिटारी चढ़ाकर आरती की जाती है.
हरियाली तीज की लोकप्रिय स्वीट डिश
घेवर
रबड़ी
मालपुआ
नारियल बर्फी
अंजीर हलवा
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